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भीड़ और भेड़िएं

मैंने डिक्शनरी में भीड़ शब्द के मायने खोजे तो मुझे जवाब ये मिला, ‘भीड़ शब्द का उपयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है, जहां मनुष्य का कोई समूह हो’. पिछले कुछ दिनों से मैं अखबार में और सोशल मीडिया में भीड़ शब्द को कमोबेश रोज पढ़ता और सुनता आ रहा हूं. मेरे लिए ये शब्द वैसे तो नया नहीं है लेकिन भीड़ शब्द आजकल जिस तरीके से रोज सामने आने लगा है वो कई बार दहशत और खौफ का विकल्प बनता नजर आने लगा है. ... मैंने मार्केट में होने वाली भीड़ देखी है. सेल लगी हो तो खरीददारी के लिए दुकान, मॉल में भी भीड़ लगती है, वह भी समझा हूं. गर्मी या दिवाली की छुट्टियों में जब हम गांव जाते है तो बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, रेल और बसों में भी भीड़ दिखाई देती है. उसे भी देखा है. स्कूल शुरू होते ही एडमिशन और किताबें खरीदने के लिए भी भीड़ लगती देखी है. लेकिन इन दिनों जो भीड़ शब्द प्रयोग में लाया जा रहा है वो सुनकर और पढ़कर भी डर सा लगने लगा है. जब हाल की कुछ घटनाओं पर मैंने नजर दौड़ाई तो मुझे लगा जैसे भीड़ तो अकारण ही बदनाम हो रही है, जैसी ‘मुन्नी बदनाम हो गई’.  असल में भीड़ अक्सर सिर्फ और सिर्फ ढाल बन जाती है उन लोगों के लिए जिनमें अकेले के

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