हौसले बुलंद हो तो कोई बात कठिन नहीं

- वेकोलि की अंडरग्राउंड माइन में बेझिझक पहुंचती हैं ये जाबांज अधिकारी by फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर. समाज में कई बार महिलाओं के लिए सीमाएं तय कर दी जाती हैं। कुछ कार्यक्षेत्रों को पारंपरिक रूप से पुरुषों के लिए ही उपयुक्त माना जाता रहा है, लेकिन जब हौसले बुलंद हों और लगन मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। वेकोलि (वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की अंडरग्राउंड कोयला खदानों में कार्यरत महिला अधिकारी अखिला सहिती अंकम और प्रज्ञा वैष्णव ने इसी सोच को चुनौती दी है और यह साबित किया है कि संकल्प और समर्पण से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। महिलाओं के लिए माइनिंग में करियर: कठिनाइयों का सफर वर्ष 2019 तक खदानों में महिलाओं की भागीदारी लगभग नगण्य थी। कोयला खदानों को पुरुषों के लिए सुरक्षित माना जाता था और महिलाओं के इस क्षेत्र में काम करने को लेकर समाज की सोच नकारात्मक थी। लेकिन चंद्रपुर की चंद्राणी प्रसाद वर्मा ने इस धारा को मोड़ा। उन्होंने लंबी न्यायिक लड़ाई लड़कर महिलाओं के लिए इस क्षेत्र के दरवाजे खोले। आज वेकोलि के नागपुर और बल्लारपुर एरिया में कुल पांच महिला अधिकारी कार्यरत हैं, ...