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मिलिंद तेलतुंबड़े का खात्मा, गढ़चिरोली पुलिस की बड़ी सफलता

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- फहीम खान , नागपुर लंबे समय से गढ़चिरोली जिले की कोरची तहसील के जंगल में सक्रिय माओवादी भाकपा-माओवादी का महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ जोन सचिव मिलिंद तेलतुंबड़े को गढ़चिरोली पुलिस ने आखिरकार शनिवार को हुई ग्यारापत्ति की मुठभेड़ में मार गिराया है. उल्लेखनीय है कि मिलिंद तेलतुंबड़े वही शख्स है जो भीमा कोरेगांव मामले में प्रमुख अभियुक्त भी था. गढ़चिरोली पुलिस ने अब तक के अपने इतिहास में एक ही मुठभेड़ की वारदातों में अपने दर्जनों जवानों को एकसाथ खो दिया है. लेकिन यह पहला ऐसा मामला है जब पुलिस ने एकसाथ मिलिंद तेलतुंबड़े जैसे नक्सली नेता सहित 26 नक्सलियों का खात्मा कर दिया. यही कारण भी है कि गढ़चिरोली जिले में काम कर चुके ज्यादातर पूर्व आईपीएस अधिकारी इस ऑपरेशन की सफलता के लिए गढ़चिरोली पुलिस के जवानों का अभिनंदन भी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि दंडकारण्य में सक्रिय नक्सलियों पर लगाम कसने के मामले में अब तक गढ़चिरोली पुलिस की रणनीति बेहद कारगर साबित हुई है. इसी बीच भामरागढ़ तहसील में एकसाथ दर्जनों नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था. तभी से यह माना जाने लगा था कि गढ़चिरोली में अब नक्सलवाद अपने अंतिम

बिग थैंक यू...समझता हूं हालात बुरे हैं, लेकिन आपकी कोशिशें रंग लाएगी

12 अप्रैल से मैं गड़चिरोली जिले के वडसा- देसाईगंज में हु। पापा और मम्मी की तबियत बिगड़ने की वजह से मुझे तत्काल नागपुर से यहां आना पड़ा। हालांकि पापा की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन सिटी स्कोर 15 होने से उनको निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसी बीच मम्मी की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दोनों एक ही निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। इसी बीच 14 तारीख को डॉक्टर ने बता दिया था कि पापा को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। मैने गड़चिरोली, चंद्रपुर, अमरावती, कामठी और नागपुर में वेंटिलेटर के लिए हर प्रयास कर लिए लेकिन कहीं पर कुछ हासिल नहीं हुआ। सभी ने हाथ खड़े कर दिए। 15 तारीख को सुबह से ही पापा की तबियत बिगड़ती गई। इस बीच भी मेरी कोशिशें जारी रही लेकिन वेंटिलेटर वाला बेड तब भी कहीं नहीं मिला।  5 लीटर/मिनट ऑक्सीजन के सहारे पापा किसी तरह जीते रहे। उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिरता रहा। आखिरकार शाम होते - होते 5.45 बजे पापा वेंटिलेटर के अभाव में इस दुनिया से चल बसे।  15 को रातों रात पापा को वड़सा में सुपुर्दे खाक करके अगले दिन 16 अप्रैल को मम्मी की हालत बिगड़ती देख हमें उसे गड़चिरोली जिला अस्पताल ले जाने का फै

कब तक यूं ही बहता रहेगा निर्दोषों का खून?

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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने जवानों से भरी बस को ब्लास्ट कर उड़ाने के बाद छत्तीसगढ़ के ही बिजापुर जिले के टेकलगुडा के जंगल में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ दौरान किए गए विस्फोट में 23 जवान शहीद हुए. इनमें से 21 जवानों के ही शव बरामद किए गए. इस वारदात के पहले जो नक्सलियों ने हमला किया था उसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के 5 जवान शहीद हो गए और 10 से ज्यादा घायल हुए. नारायणपुर जिले में कड़ेमेटा और कन्हरगांव के बीच नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के बस को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया. फिर एक बार नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों के खिलाफ में मोर्चाखोला गया है. पिछले कुछ समय से देश के ज्यादातर नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों पर भारी पड़ता नजर आ रहा था. इसी दौरान पुलिस की कोशिशे रंग लाने लगी और कई नक्सली नेताओं सहित महत्वपूर्ण नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है. देश के अलग अलग इलाकों से इस तरह की खबरें आ रही थी. लेकिन छग में लगातार यह दो  दु:खद घटना घटी.  क्या यह हताशा का परिणाम है?  पिछले कुछ समय से सुरक्षा बलों की लगातार की जा रही कार्रवाई से देश के ज्यादातर इलाकों में नक्