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Showing posts from November, 2023

नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के काम आया ‘जनजागरण’ का हथियार

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 by फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर.  1980 से महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में नक्सलियों ने कदम रखे और अगले दो दशक में नक्सलियों की हिंसा और उत्पात का सीधा टार्गेट ही पुलिस दल बनता रहा. एक के बाद एक, इतनी बड़ी वारदातों को नक्सलियों ने अंजाम दिया कि एक ही दशक में गढ़चिरोली पुलिस दल ने अपने सैकड़ों जांबाजों को खो दिया. लेकिन बावजूद इसके गढ़चिरोली पुलिस ने जो ‘जनजागरण अभियानों’ का सिलसिला जारी रखा, वहीं नक्सलियों के खात्मे के लिए सबसे प्रभावी हथियार साबित हुआ.  गढ़चिरोली में ‘जनजागरण अभियानों’ का ये दौर वह था जब नक्सलियों के खिलाफ शस्त्रों के साथ ही गढ़चिरोली पुलिस सोशल मुद्दों को लेकर भी लड़ती हुई दिखाई दी. इन ‘जनजागरण अभियानों’ के माध्यम से सुदूर इलाकों के आदिवासी और ग्रामीणों को पहली बार प्रशासन और सरकार का दीदार हुआ. सरकारी योजनाएं पता चली और उन्हें यह विश्वास हुआ कि ‘सिस्टम’ उतना खराब नहीं है, जैसा उन्हें नक्सलियों द्वारा बताया जाता रहा है. उन्होंने इसी दौरान पहली बार जिलाधिकारी, जिला परिषद के सीईओ जैसे बड़े अधिकारियों को देखा, उनके मिले और अपनी बात भी रख सके. यह ऐसा मौका था जब आदिवासी,

उमंग-भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों के बीच एक रणनीतिक पुल

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 उमंग-भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों के बीच एक रणनीतिक पुल - लोकमत समाचार की उमंग के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एस. के. विद्यार्थी से विशेष बातचीत फहीम खान नागपुर : जब कोई नागपुर के सीताबर्डी किला क्षेत्र या कस्तूरचंद पार्क के सामने से गुजरता है, तो उसे एक रक्षा प्रतिष्ठान दिखाई देता है, जिस पर उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात (उमंग) उपक्षेत्र लिखा हुआ है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां तैनात सेना के जवानों की क्या भूमिका है? सब एरिया के कामकाज को समझने के लिए लोकमत समाचार की टीम ने उमंग सब एरिया का हाल में दौरा किया और उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात सब एरिया (उमंग), नागपुर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एस. के. विद्यार्थी, एवीएसएम, एसएम के साथ अनौपचारिक बातचीत की. उपक्षेत्र की भूमिका और जिम्मेदारियों का परिचय देते हुए मेजर जनरल विद्यार्थी ने कहा कि यह उपक्षेत्र, स्थानीय अधिकारियों और भारतीय सेना के बीच एक पुल की तरह है. भारत का भौगोलिक केंद्र नागपुर में होने के कारण इसकी गुजरात राज्य और उत्तर महाराष्ट्र के क्षेत्र की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका है. चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मेज