ये हम सभी की कोशिशों की जीत है...

ये हम सभी की कोशिशों की जीत है...
- अब सामाजिक स्तर पर भी बच्चियों के बलात्कारियों का बहिष्कार जरूरी है
बच्चियों से रेप के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर केंद्र सरकार ने शनिवार को अहम फैसला लिया है. सरकार 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के दोषी को फांसी दिए जाने का कानून बनाने जा रही है. प्रधानमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में कानून बनाने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी गई है. दोस्तों ये हम सभी की एकजुट कोशिशों की जीत है. उन सभी की जीत है जिन्होंने रास्ते पर उतरकर सरकार को रेप मामलों की गंभीरता समझाने की कोशिश की. कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शनों के जरिए सरकार का इस समस्या की ओर ध्यानाकर्षण कराया. अभी पॉक्सो में अधिकतम ताउम्र कैद और कम से कम सात साल कैद की सजा का प्रावधान है.
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कानून बन जाएगा, सामाजिक बहिष्कार भी कीजिए
चलीए आखिरकार देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद बच्चियों से बलात्कार के मामले में दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान करने का फैसला हो गया है. लेकिन इसके बाद हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है. अब कानून को जो करना है वो उसके द्वारा किया ही जाएगा लेकिन हमारे समाज में किसी भी बच्ची के साथ दोबारा ऐसा न हो, किसी भी महिला के साथ ऐसा न हो इसके लिए हमें भी अलर्ट रहना होगा. खासकर बच्चियों के मामले में समाज के अंग होने के नाते हमें भी ऐसे बलात्कारियों को अपने स्तर पर सामाजिक बहिष्कार की सजा देनी होगी. क्या हम इसके लिए तैयार है? बच्चियों के साथ होने वाले बलात्कार के मामले देश के हर कोने, हर राज्य में हो रहे है. हम जिस सभ्य समाज की बात करते है वहां पर ऐसे मामलों में लिप्त बलात्कारियों के खिलाफ हमें सख्त भूमिका लेने की जरूरत है. केवल कानून कड़ा हो जाने से बच्चियों के बलात्कारियों को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला. लेकिन समाज यदि बहिष्कार की भूमिका अपना लेता है तो वाकई में इसका बहुत बड़ा असर देखने मिल सकता है. ऐसे लोगों का समाज यदि दाना -पानी बंद कर दे, उन्हें धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम, त्यौहार -शादि आदि में बुलाना बंद करें तो देखीए कैसे इनकी हालत पलती हो जाती है. ऐसे बलात्कारियों के परिजन यदि उससे रिश्ते तोड़ दे तो परिवर्तन आने में देर नहीं लगेगी. लेकिन अब ये करना जरूरी हो गया है. मध्यप्रदेश में कल तो एक साल की दूध मुंही बच्ची के साथ कुकर्म किया गया है. ऐसे दरिंदों का बहिष्कार करने का साहस यदि हम समाज बनकर नहीं कर पाए तो ये आज जो सजा कड़ी करने का निर्णय सरकार ने लिया है उसका फायदा होने से रहा.
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ये है सख्त सजा के लिए नए प्रावधान
- 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर सजा: दोषी को फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान अध्यादेश में है. साथ ही उम्रकैद की सजा का भी प्रावधान है.
- 16 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर सजा: दोषियों की सजा 10 साल बढ़ाए जाने का प्रावधान है. ये सजा अभी 10 साल की है. नया कानून बनने के बाद सजा 20 साल हो जाएगी. इसे उम्र कैद में भी बदला जा सकता है. ऐसा होने पर सजा 20 साल तक बढ़ा दी जाएगी.
 - महिला से दुष्कर्म पर सजा: सजा 7 साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी. इस सजा को उम्र कैद में भी तब्दील किया जा सकता है.
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- फहीम खान

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