ज्वेल चांगी एयरपोर्ट – एक हवाईअड्डा या स्वर्ग का प्रवेशद्वार?
- फहीम खान
fahim234162@gmail.com
2024 में सिंगापुर की मेरी यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा कुछ और नहीं, बल्कि वहां का ज्वेल चांगी एयरपोर्ट रहा। आपने अक्सर सुना होगा कि एयरपोर्ट केवल उड़ान पकड़ने की जगह होता है – भीड़, हड़बड़ी और लंबी कतारें। लेकिन सिंगापुर ने इस परिभाषा को पूरी तरह बदल दिया है। जैसे ही मेरी फ्लाइट चांगी एयरपोर्ट पर उतरी और मैं टर्मिनल 1 के आगमन हॉल से बाहर निकला, सामने जो नज़ारा था, उसने मुझे चौंका दिया – एक कांच और स्टील से बना भव्य गुंबद, जिसके अंदर हरियाली से भरा एक स्वप्नलोक जैसा दृश्य।
ज्वेल में कदम रखते ही ऐसा लगा जैसे किसी दूसरी दुनिया में प्रवेश कर गया हूं। आसमान छूती हरियाली, बीचोंबीच गिरता हुआ विशाल झरना – "एचएसबीसी रेन वोरटेक्स", जो दुनिया का सबसे ऊंचा इंडोर वॉटरफॉल है – और उसके चारों ओर बना फॉरेस्ट वैली, जहां पेड़ों और पौधों की खुशबू से मन ताजगी से भर गया।
मैंने सबसे पहले वहां का इंटरेक्टिव नक्शा उठाया और घूमना शुरू किया। ऊपर की मंजिलों पर पहुंचा, तो वहां तरह-तरह की दुकानों की कतारें थीं – स्थानीय ब्रांड से लेकर इंटरनेशनल डिज़ाइनर स्टोर्स तक। बीच-बीच में कैफे और रेस्टोरेंट्स, जहां बैठकर आप झरने की सुंदरता का आनंद लेते हुए कॉफी की चुस्की ले सकते हैं। मैंने "टाइगर स्ट्रीट लैब" में लोकल फ्लेवर वाला ड्रिंक लिया और पास की गैलरी से झरने का टाइम-लैप्स शो देखा – मेरा मन मोह गया।
ज्वेल सिर्फ खरीदारी और खाने-पीने की जगह नहीं है, यह मनोरंजन का केंद्र भी है। पांचवीं मंज़िल पर बने कैनोपी पार्क में मैंने ट्रैम्पोलिन नेट्स पर बच्चों के साथ खेलते हुए लोगों को देखा, और एक ग्लास ब्रिज से झांककर नीचे झरने को देखा – वाकई में यह एक दिलचस्प रोमांच जैसा था!
अगर आप एयरपोर्ट से बाहर नहीं भी जाना चाहते, तो सिर्फ ज्वेल को घूमना ही एक दिन का शानदार टूर बन सकता है। और खास बात – यह स्थान केवल यात्रियों के लिए नहीं, आम नागरिकों और पर्यटकों के लिए भी खुला है। चाहे आप शहर से बस, एमआरटी या टैक्सी से आएं, या किसी टर्मिनल से पैदल – ज्वेल आसानी से पहुंचने योग्य है।
इस यात्रा ने मुझे एहसास कराया कि सिंगापुर कितना दूरदर्शी है – वह जगह जिसे आमतौर पर लोग केवल "ट्रांजिट प्वाइंट" समझते हैं, उसे उन्होंने पर्यटन का प्रमुख आकर्षण बना दिया। जब मैं अपनी अगली उड़ान के लिए निकल रहा था, तो मन ही मन सोच रहा था – क्या मैं सच में एयरपोर्ट से निकल रहा हूं, या किसी सपनों की दुनिया से विदा ले रहा हूं? ज्वेल चांगी एयरपोर्ट मेरे लिए अब केवल एक ट्रांजिट स्पॉट नहीं, बल्कि एक अनुभव बन चुका है – ऐसा अनुभव जिसे मैं बार-बार जीना चाहूंगा।
- फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर
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