ये जो थोड़े से हैं पैसे, खर्च तुम पर करूँ कैसे?

 वर्ष 1996 में ‘पापा कहते हैं’ फिल्म का ये गीत आज अचानक से मुझे गुनगुनाने का मन करने लगा. इसे राजेश रोशन ने म्यूजिक दिया था और जावेद अख्तर ने बोल लिखे थे. कुमार सानू ने इसे अपनी आवाज दी थी. अरे मैं इस गीत के बारे में बताने के लिए ये सबकुछ नहीं लिख रहा हूं...

 बात ये है कि लोन मोरेटोरियम मामले में देश की सुप्रीम अदालत की फटकार के बाद बैंकों ने लॉकडाउन के 6 माह दौरान जो ब्याज पर ब्याज काटा था उसका कैशबैक  खाते में जमा कर दिया है. मेरे एक डॉक्टर मित्र मुझसे ज्यादा खुश किस्मत है, क्योंकि उन्होंने एसबीआई से होम लोन ले रखा है. कैशबैक देने के मामले में एसबीआई काफी आगे रही.  

बुधवार की शाम को ही एसबीआई के ग्राहकों के खातों में कैशबैक की राशि जमा हो गई और उन्हें इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से दे दी गई. करीबन 250 शब्दों के इस मैसेज में मेरे मित्र को एसबीआई की ओर से यह जानकारी दी गई कि उन्हें कैशबैक के रूप में 350 रुपए दिए जा रहे हैं. यह मैसेज जब उन्हें मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. अब हमारी बैंकों (जिन बैंकों ने हमें कार लोन, होम लोन दिया है) के माध्यम से भी कैशबैक दिया जाने वाला है. शायद से आज शाम तक कैशबैक की राशि हमारे खातों में भी जमा कर दी जाएगी. 

सुप्रीम अदालत की फटकार के बाद जो राहत बैंकों ने कैशबैक के रूप में हम जैसे आम लोगों को पहुंचाई है उसके लिए राष्ट्र उनका हमेशा ऋणी रहेगा. अब समस्या यह है कि यह जो 350 रुपए की राशि कैशबैक के रूप में हम नाचिजों के बैंक खाते में जमा हो गई है, इसे खर्च कैसे किया जाए? मैं सोच रहा हूं इन पैसों से उसी बैंक में एक एफडी करा दूं, जिसने मुझे कैशबैक के रूप में मदद प्रदान की है. यह पैसा शायद भविष्य में मेरे काम आ सकेगा.

मेरे एक अन्य बैंक कर्मी मित्र को मैंने सुबह ही मैसेज भेज दिया है और पूछा है कि उनकी बैंक मुझे 350 रुपए की एफडी पर कितना ब्याज दे सकती है? और यह भी कि अगले 20 वर्षों के लिए इस राशि को उनकी बैंक में एफडी करा दूं तो मुझे कितना रुपया मिल सकेगा. क्या इतना मिल जाएगा कि बुढ़ापे में पेंशन के तौर पर काम आ जाएं?

 जिंदगी में पहली बार इतना बड़ा कैशबैक पाकर इंसान के बहकने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है. यही कारण है कि मैंने इस राशि से एफडी कराने का फैसला कर लिया है. मैं जानता हूं दिवाली सर पर है यह बड़ा त्यौहार है, कहीं ऐसा न हो कि आप के खाते में कैशबैक की राशि जमा होते ही आप भी उसे उड़ाने लग जाए. याद रखिए लॉकडाउन के दौरान हमने बहुत कुछ सहा है. इसलिए यह जो 350 रुपए की राशि कैशबैक के रुप में हमारे खाते में जमा हो गई है. इसे खर्च करने को लेकर हमें बहुत सावधानी बरतनी होगी. याद रखीए, भविष्य में इतनी बड़ी राशि शायद ही आपके खाते में दुबारा जमा हो. क्योंकि सुप्रीम अदालत ने एक बार फटकार लगाई तो इतनी राशि खातों में कैशबैक के रूप में जमा हो गई है कि इसके बारे में जब जज साहब को पता चलेगा तो शायद वो खुद ही शर्म के मारे आगे कोई नया आदेश देने से बचेंगे. क्योंकि उनके लाख कहने के बाद अगर बैंकों ने 350 रुपए का कैशबैक दिया है तो फिर आगे जज साहब अपने शब्दों को न ही खर्च करें तो अच्छा होगा. 

इतनी राशि का आखिर क्या किया जाए. इसे कहां पर खर्च किया जाए, इस बारे में जब तक आपको कोई जवाब नहीं मिल जाता तब तक आप भी ये गीत गुनगुनाते रहिए... खुश रहिए...कैशबैक जो मिला है...


‘‘ये जो थोड़े से हैं पैसे

खर्च तुम पर करूँ कैसे


अगर कहीं एक दुकान होती

जहाँ पे मिलते गगन के तारे

मैं सारे तारे खरीद लेता

तुम्हारे आँचल में टांक देता

मगर क्या करूँ मैं कि ये जानता हूँ

तारे मिलते नहीं ऐसे....’’


- फहीम खान, नागपुर,

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