तो क्या फिर नक्सलियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन की हो रही है तैयारी?
by फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर.
रायपुर के पुलिस मुख्यालय में शनिवार को अहम बैठक हुई है. ये इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन मीटिंग थी. इसमें छग के डीजीपी अशोक जुनेजा मौजूद थे. छत्तीसगढ़ पुलिस के अफसरों के अलावा इस मीटिंग में दो तेलंगाना और आंध्रप्रदेश राज्य पुलिस के अधिकारी भी शामिल हुए थे. इस मीटिंग में नक्सल ऑपरेशन को लेकर चर्चा की गई. उधर केंद्रीय गृहमंत्रालय की प्रमुख एजेंसी सीएपीएफ के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए. इसके बाद से ऐसा लगने लगा है कि फिर से नक्सलियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है. अबकी बार नक्सलियों को नकेल कसने के लिए तीनों राज्य एक होकर कोई अभियान चला सकते है.
सूत्रों से यह पता चल रहा है कि बैठक में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में मूवमेंट करने वाले नक्सलियों और उनके लीडर्स के बारे में भी चर्चा की गई. बाहरी राज्यों से आए अफसरों ने अपने ऑपरेशंस की जानकारी भी दी. तीनों राज्यों के अधिकारियों ने आपस में कोऑर्डिनेट करने की बात कही है. हालांकि पहले भी इस तरह की बैठकाें में आपसी सामंजस्य के दावे होते रहे हैं. यह बात और है कि इसके बाद भी इन राज्यों की सीमाओं पर नक्सलियों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है. जबकि महाराष्ट्र के गढ़चिरोली और गोंदिया जिले में राज्य पुलिस को नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम कसने में सफलता मिली है. पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में बड़े अटैक या मुठभेड़ में शामिल नक्सली पड़ोसी राज्यों में भागे हैं. पिछले कुछ महीनों में इन राज्यों से प्रदेश को कोई खास इनपुट भी नहीं मिला है, ऐसी भी जानकारी है.
इस बैठक में इंटर स्टेट इनपुट को लेकर ज्यादा फोकस रहा. अधिकारियों ने तय किया है कि प्रदेश के ऐसे हिस्से, जहां आंध्रप्रदेश या तेलंगाना की सीमा लगती है, ऐसे हिस्सों में नक्सल ऑपरेशन संयुक्त रूप से प्लान किए जाएंगे. जल्द ही सर्चिंग बढ़ाकर नक्सलियों के खिलाफ एक्शन जंगलों में दिखाई देगा.
इस बैठक में तीनों प्रदेशों की पुलिस ने नक्सलियों की सप्लाई चेन पर फोकस करने की बात भी कही. नक्सलियों के पास जरूरत का सामान आस-पास के ग्रामीण हिस्सों से पहुंचता है. ऐसे मामलों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी सप्लाई चेन को ध्वस्त करने की योजना तैयार की गई है. मानसून में नक्सलियों की सक्रियता बढ़ती है. फोर्स इस वक्त में ज्यादा से ज्यादा सर्चिंग अभियान चलाए. इस पर भी अधिकारियों ने बात की. ऐसे इलाके जहां अब तक फोर्स की दखल कम रही है, उसे बढाने, नए कैम्प शुरू किए जाने पर भी छत्तीसगढ़ पुलिस योजना बना रही है.
इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स) के अधिकारी खासतौर पर मौजूद थे. प्रदेश के नक्सल इलाकों में बीएसएफ, सीआरपीएफ जैसी फोर्सेस भी एक्टिव हैं जो नक्सलियों से सीधे टक्कर लेती हैं. इन फोर्सेस की मुख्य एजेंसी सीएपीएफ ही है. सेंट्रल फोर्सेस किस तरह से पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगी, किस तरह की जरुरतें उन्हें इन इलाकों में हैं इस पर भी चर्चा की गई है.
@फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर.
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