देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान...
फिर एक बार मुझे वह दूरदर्शनवाला जमाना याद आने लगा है. फिर एक बार जेहन में वहीं दूरदर्शन का विज्ञापन चलने लगा है, जो कहता था- ‘शैतान बनना आसान है, लेकिन क्या इंसान बने रहना इतना मुश्किल है?’. इस बार नागपुर शहर में घटीे दो घटनाएं इसके पीछे की मुख्य वजह बनी है. पहला मामला शहर के अथर्व नगरी परिसर का है जहां के निवासी अरमान खान के निवास में एक नाबालिग बंधक बालिका चार साल से नारकीय जीवन बीता रही थी. और अरमान, उसकी पत्नी हीना और साला अजहर उस बालिका को कहते थे कि, ‘तुझे खरीद कर लाए हैं तो मार भी सकते हैं.’ दूसरा मामला है वड़धामना इलाके में एक 4 वर्षीय बालक को क्रूरतापूर्वक सिगरेट के चटके लगाकर अमानवीय यातना देने का. बालक की मां के साथ आरोपी संकेत रमेश उत्तरवार ‘लिव इन रिलेशन’में रहता था. हुड़केश्वर की इस दस साल की बालिका को बंधक बनाकर यौन शोषण किए जाने के प्रकरण में गिरफ्तार प्रापर्टी डीलर अरमान खान को हुड़केश्वर थाने में वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी. यह बात तो और भी चौंकाने वाली है. मतलब अरमान, उसकी पत्नी और साला जितना बेरहम था उतनी ही शैतानी हरकत पुलिस के अधिकारी ने भी की है. खान...