कैसे कहूं मैं... नेता तुम्हीं हो कल के

‘इंसाफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के

ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के...’ 

कवि शकील बदायुनी का लिखा ये गीत मैंने अपने बचपन में बहुत सुना है. शायद इसी लिए मेरे जेहन में यह बात पक्की बैठ सी गई है कि इंसाफ की डगर पर चलने वाले बच्चे, कल नेता बनते है. और यह बात अगर सच है तो बच्चों को कल के नेता बनने की सलाह देने वाले शकील बदायुनी यह मानकर चल रहे है कि नेता यानी लीडर ही इस समाज को दिशा देते है. अगर इस बात पर गौर करे तो क्या आज के हमारे नेता सही मायने में ऐसे है? क्या इन नेताओं जैसा बनने के लिए हम अपने बच्चों को इस तरह का कोई गीत सुनाने की भी सोचेंगे? 


यह बात आज इसलिए दिमाग में आई है क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता विजय वडेट्टीवार की एक तस्वीर मुझे सोशल मीडिया पर दिखाई दी. तस्वीर कांग्रेस की बाईक रैली की है. जिसमें विजय वडेट्टीवार अगुवाई करते हुए बाईक चला रहे है. मजे की बात यह है कि वडेट्टीवार ने हेलमेट नहीं पहना है. जबकि बाईक चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है. मतलब नेताजी के लिए बाईक रैली निकालकर स्टाइल मारना जितना जरूरी है, उतना यातायात नियमों का पालन करना नहीं. 


जरा रूकीए जनाब, ये बात तो हुई कांग्रेस के नेताजी की. उन्हीं के नक्शे कदम पर भाजपा के नेताजी भी चलते है. ऐसी ही एक और तस्वीर सोशल मीडिया में मुझे दिखाई दी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान में उपमुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस की. फडणवीस साहब तो फायरब्रैंड नेता माने जाते है. युवाओं में उनका काफी क्रेज भी है. लेकिन जनाब फडणवीस साहब भी यातायात नियमों को मानना अपनी तौहिन समझते है. यही कारण है कि जो तस्वीर मुझे मिली है उसमें वह बुलेट चला रहे है लेकिन हेलमेट से उन्होंने भी परहेज कर रखा है. मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस को इतना सा यातायात नियम पता नहीं होगा, ऐसा हो नहीं सकता.  


वडेट्टीवार साहब, फडणवीस साहब आप दोनों बुरा तो नहीं मान गए. अरे जनाब आप अकेले थोड़े ही ऐसे है. अपने विदर्भ के एक ओर कद्दावर नेता तथा भाजपा के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी भी यातायात नियमों को अनदेखा करने में पीछे थोड़े ही है. उनकी तो सोशल मीडिया में मुस्कुराती हुई तस्वीर मिली है. जिसमें लगता है कि गडकरी जी अपने बंगले में से बाहर निकल रहे है. स्कूटर चलाने का पूरा मजा लेते दिख रहे है. लेकिन हेलमेट उन्होंने ने भी नहीं पहन रखा है. अब बताईए, जो गडकरीजी आज हेलमेट अनिवार्य, सीट बेल्ट अनिवार्य की बात करते है, उनकी ऐसी तस्वीर भविष्य के नेताओं को क्या सीख दे रही होगी? 


विदर्भ के ही एक और नेता है भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले. उन्हें भी बाईक रैली में शामिल होना बड़ा अच्छा लगता है. यही कारण है कि किसी न किसी उपलक्ष्य में जनाब बावनकुले जी बाईक रैली की अगुवाई करने लगते है. लेकिन नेताजी को यह याद ही नहीं रहता है कि बाईक चलाते समय हेलमेट पहना जरूरी होता है. 

अब आप ही बताईए, ऐसे नेताओं की ये सोशल मीडिया वाली तस्वीरें देखकर क्या आप अपने बच्चों को कल के नेता बनाने के बारे में सोच भी सकते है? अरे जिन नेताओं को भविष्य के नेताओं के लिए आदर्श स्थापित करने चाहिए वो अगर ऐसे लापरवाह नजर आने लगे तो खाक हमारी भावी पीढ़ी इनसे कोई सीख लेगी? 


@फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर. 

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