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Showing posts from February, 2020

चला मुरारी हीरो बनने

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कितना स्मा र्ट है नागपुर नागपुर सिटी स्मार्ट सिटी में न सिर्फ शुमार है बल्कि इसे अब पोर्ट ब्लेयर को स्मार्ट बनाने का जिम्मा भी सौपा गया है। यानी नागपुर के अधिकारी अब पोर्ट ब्लेयर के प्रशासन को बताएंगे कि स्मार्ट कैसे बनते है। अब साहब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में नागपुर इतना स्मार्ट हो गया है कि वो इसपर किसी को गाइड करने लायक हो गया है? जवाब नागपुर के लोगो से पूछेंगे तो शायद ना ही मिलेगा। इसकी वजह भी है जनाब। पहला ही प्रयोग विफल नागपुर को महाराष्ट्र राज्य में स्मार्ट कियोस्क मशीन लगाने के लिए चुना गया है। राज्य के पहला शहर होगा जहां ऐसी स्मार्ट मशीने लगाई जा रही है। अगर यहां ये प्रयोग सफल रहा तो राज्य के अन्य महानगरो में भी ऐसी स्मार्ट कियोस्क मशीन लगाई जाएगी। लेकिन हुआ क्या? इसमे भी नागपुर फेल हो गया। सरकारी विभागों में 25 और सिटी के कुछ बस स्टॉप पर 41 ऐसी 65 स्मार्ट कियोस्क मशीन इस शहर में लगाई गई लेकिन ये मशीन किसी के काम नही आ रही है। सारी मशीन इन दिनों नागपुर वासियो के लिए सफेद हाथी बनी हुई है। स्लो सर्वर से परेशान शहर में 65 स्मार्ट कियोस्क मशीन लगाई गई

अंबाझरी बायो डायवर्सिटी पार्क : शहर के बीच जंगल का मजा

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अंबाझरी बायो डायवर्सिटी पार्क इन दिनों शहर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस पार्क की खासियत यही है कि शहर के बीचों बीच होकर भी आपको इसके भीतर एंट्री लेते ही ये अहसास होने लग जाता है कि आप शहर से दूर किसी जंगल में है. शहर के इतने करीब होकर भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता को बचाए रखने में ये पार्क वाकई कामयाब हुआ है. इस पार्क में करीबन 161 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते है. साइकिलिंग का मजा इस पार्क की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां पर आप साइकिलिंग का मजा ले सकते है. पार्क में पहुंचते ही गेट के पास आपको एंट्री करनी है. हर एडल्ट को 20 रुपए फीस देनी है. कार, बाईक के लिए पर्याप्त पार्र्किंग भीतर मौजूद है. गेट के ही पास आपको 50 रुपए देकर वनविभाग की ओर से साइकिल मुहय्या करा दी जाती है. पार्क में 15 किमी की साइकिलिंग की व्यवस्था की गई है. साईकिलिंग के साथ ही आपके लिए यहां पर 2 ई रिक्शा भी मौजूद है. और क्या है खास? इस पार्क की एक खासियत ये भी है कि यहां पर्यटकों के लिए 7 सीमेंट के और 10 स्टील के वाच टॉवर की व्यवस्था की गई है. इन वाच टॉवर से आप दूर तक बायो डायव

गुमराह करना बेहद आसान है...

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पिछले कुछ महीनों से सेना भर्ती के नाम पर युवाओं को गुमराह करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. केवल नागपुर ही नहीं बल्कि देश भर में सोशल मीडिया के जरिए इस तरह की कोशिश हो रही है. सेना भर्ती के नाम पर जो मैसेज वायरल हो रहे है उसे पढ़कर जरूरतमंद, बेरोजगार युवक भर्ती मुख्यालय का रूख करने लगे है. नागपुर में ही अबतक ऐसा कई बार हो चुका है कि फर्जी मैसेज पढ़कर युवाओं की भीड़ भर्ती के लिए उमड़ पड़ी. कौन है ये लोग, जिन्हें फर्जी मैसेज वायरल करने में मजा आता है? साथ ही ये सवाल भी कि आखिर इस सोशल मीडिया की फर्जीवाड़े से भरी दुनिया में युवा क्यों मैसेज के असली -नकली होने की पुष्टि नहीं करा पा रहे है? आज हम सभी ये जानते है कि सोशल मीडिया में अनसोशल एलिमेंटस जरूरत से ज्यादा संख्या में बढ़ते जा रहे है. इन लोगों को फर्जी मैसेज, फर्जी खबरे वायरल करने में बहुत मजा आता है. अपने निजी मजे के चक्कर में ये लोग सोशल मीडिया में कोई भी फर्जी मैसेज वायरल कर देते है और फिर लोगों को इससे परेशान होते, लोगों को एक -दूसरे से लड़ते -झगड़ते देखकर मजा लेते है. लेकिन इस किनारे पर खड़ा रहकर मजा लेने की मानसिकता को हमें भी तो स