गुमराह करना बेहद आसान है...

पिछले कुछ महीनों से सेना भर्ती के नाम पर युवाओं को गुमराह करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. केवल नागपुर ही नहीं बल्कि देश भर में सोशल मीडिया के जरिए इस तरह की कोशिश हो रही है. सेना भर्ती के नाम पर जो मैसेज वायरल हो रहे है उसे पढ़कर जरूरतमंद, बेरोजगार युवक भर्ती मुख्यालय का रूख करने लगे है. नागपुर में ही अबतक ऐसा कई बार हो चुका है कि फर्जी मैसेज पढ़कर युवाओं की भीड़ भर्ती के लिए उमड़ पड़ी. कौन है ये लोग, जिन्हें फर्जी मैसेज वायरल करने में मजा आता है? साथ ही ये सवाल भी कि आखिर इस सोशल मीडिया की फर्जीवाड़े से भरी दुनिया में युवा क्यों मैसेज के असली -नकली होने की पुष्टि नहीं करा पा रहे है?
आज हम सभी ये जानते है कि सोशल मीडिया में अनसोशल एलिमेंटस जरूरत से ज्यादा संख्या में बढ़ते जा रहे है. इन लोगों को फर्जी मैसेज, फर्जी खबरे वायरल करने में बहुत मजा आता है. अपने निजी मजे के चक्कर में ये लोग सोशल मीडिया में कोई भी फर्जी मैसेज वायरल कर देते है और फिर लोगों को इससे परेशान होते, लोगों को एक -दूसरे से लड़ते -झगड़ते देखकर मजा लेते है. लेकिन इस किनारे पर खड़ा रहकर मजा लेने की मानसिकता को हमें भी तो समझना पड़ेगा. क्यों ऐसा नहीं होता है कि हम आंख मुंदकर सोशल मीडिया की किसी भी बात पर विश्वास न करें? क्या यह संभव नहीं कि हम हमारे पास आने वाले हर मैसेज की सच्चाई पता करने के बाद ही उसे फारवर्ड करें?
आज हमें यह समझने की भी जरूरत है कि यदि हमने ऐसे मैसेज को तुरंत फारवर्ड नहीं किया तो आखिर ऐसा क्या हो जाएगा  जिससे हमें नुकसान हो सकता है? लेकिन ये बात भी समझनी पड़ेगी कि यदि हमने मैसेज को बिना देखे -सच्चाई जाने फारवर्ड कर दिया तो इससे हमें फायदा हो या न हो लेकिन कईयों को इसका नुकसान जरूर उठाना पड़ सकता है. असल में हम इंसान बनकर सोचना ही नहीं चाहते है. हमें हर बात की जल्दबाजी है. यही कारण है कि हम किसी भी मैसेज की सच्चाई जाने बगैर ही उसे फारवर्ड करने की फिराक में रहते है. मानो यह जानकारी सिर्फ हमारे ही पास है. यदि हमने इसे औरों को नहीं भेजा तो दुनिया इस जानकारी से वंचित रह जाएगी. इसी चक्कर में हम फर्जी मैसेज को आंख मूंदकर फारवर्ड किए जाते है. फिर मैसेज सेना की भर्ती के हो जा कोई अंधश्रद्धा बढ़ाने -फैलाने वाले. या फिर दंगे और झूठी, मनगढंत खबरें. हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हमारी इस करतूत से क्या बूरा हो रहा है. हमें तो इस बात की खुशी ज्यादा है कि हमने सबसे पहले मैसेज को फारवर्ड कर लिया. जबतक किसी मैसेज को हम तेजी से फारवर्ड न करें हमें चैन ही कहा आता है. 

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