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Showing posts from April, 2025

मकाऊची प्रेम-गल्ली: त्रावेसा दा पैशाओ

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- फहीम खान, सीनियर जर्नलिस्ट, नागपुर परक्या देशात फिरताना काही क्षण असे येतात जे तुमच्या अंतःकरणात खोलवर घर करतात. मकाऊच्या रस्त्यांवर फिरताना एक असाच क्षण माझ्याही आयुष्यात आला — त्रावेसा दा पैशाओ या एका गूढ, देखण्या आणि प्रेमाने भारलेल्या गल्लीत. त्या दिवशी मी Ruins of St. Paul's या ऐतिहासिक स्थळावरून खाली उतरत होतो. समोर दिसणारी गर्दी, कॅमेऱ्यांचे फ्लॅश, आणि पर्यटकांची वर्दळ थोडी मागे टाकून, उजव्या बाजूला दिसलेल्या एका लहानशा गल्लीकडे माझं लक्ष गेलं. रंगीत भिंती, दगडी पायऱ्या, आणि फुलांनी सजलेल्या खिडक्या — ही जागा काहीतरी खास सांगते आहे असं वाटलं. गल्लीत प्रवेश करताच त्या ठिकाणाचं नाव वाचलं — Travessa da Paixão — अर्थात... प्रेमाची गल्ली! त्या गल्लीत शिरल्यावर जाणवलं की इथे वेळेचं भान हरवतं. जणू काही काळाचं चक्र थोडंसं मागे फिरलंय. सगळं काही शांत, संथ आणि सौंदर्यपूर्ण. प्रत्येक भिंत, दरवाजा, खिडकी — जणू एखादं जुने प्रेमकाव्य सांगत होती आणि त्या वातावरणात मी क्षणभरातच हरवून गेलो. त्या गल्लीत एक छोटं, खास सिनेमा थिएटर आहे. आत गेल्यावर लक्षात आलं की इथे पारंपरिक व्यावसाय...

स्वप्ननगरी मकाऊ

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- मनोरंजन, भव्यता आणि शिस्तीचा संगम - फहीम खान, वरीष्ठ पत्रकार, नागपूर अलीकडेच झालेला माझा मकाऊ दौरा हा एक अविस्मरणीय अनुभव ठरला. हे शहर म्हणजे एखाद्या स्वप्नाचे सजीव रूप वाटते – जिथे आधुनिकता, मनोरंजन आणि शिस्त यांचा विलक्षण संगम अनुभवायला मिळतो. मकाऊच्या चकचकीत रस्त्यांनी, शिस्तबद्ध वाहतूक व्यवस्था, सुरक्षित वातावरण आणि भव्य इमारतींनी मला अंतर्मनापर्यंत भारावून टाकले. प्रत्येक वळणावर असं वाटत होतं, जसं मी एखाद्या काल्पनिक जगात फिरतो आहे... मकाऊचं सौंदर्य आणि आधुनिकता पाहून मनात असं वाटलं – "खरच! आपल्या देशातही असं एखादं शहर असतं तर!" आंतरराष्ट्रीय नाणेनिधी (आयएमएफ) च्या अहवालानुसार, 2025 मध्ये मकाऊचा प्रतिव्यक्ती जीडीपी अंदाजे 140.25 हजार डॉलर्स इतका अपेक्षित आहे, ज्यामुळे तो जगात तिसऱ्या क्रमांकावर असेल. दक्षिण चीनमध्ये वसलेला हा विशेष प्रशासकीय विभाग आपल्या संपन्नता, भव्यता आणि शिस्तबद्धतेमुळे जगभरातील पर्यटकांना आकर्षित करतो. हाँगकाँगपासून अवघ्या 60 किमी अंतरावर असलेले मकाऊ आपल्या भव्य इमारती, कॅसिनो, ऐतिहासिक वारसा आणि शिस्तबद्ध ट्रॅफिकमुळे एक अनोखे पर्यटनस्थळ...

ज्वेल चांगी एयरपोर्ट – एक हवाईअड्डा या स्वर्ग का प्रवेशद्वार?

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- फहीम खान fahim234162@gmail.com 2024 में सिंगापुर की मेरी यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा कुछ और नहीं, बल्कि वहां का ज्वेल चांगी एयरपोर्ट रहा। आपने अक्सर सुना होगा कि एयरपोर्ट केवल उड़ान पकड़ने की जगह होता है – भीड़, हड़बड़ी और लंबी कतारें। लेकिन सिंगापुर ने इस परिभाषा को पूरी तरह बदल दिया है। जैसे ही मेरी फ्लाइट चांगी एयरपोर्ट पर उतरी और मैं टर्मिनल 1 के आगमन हॉल से बाहर निकला, सामने जो नज़ारा था, उसने मुझे चौंका दिया – एक कांच और स्टील से बना भव्य गुंबद, जिसके अंदर हरियाली से भरा एक स्वप्नलोक जैसा दृश्य। ज्वेल में कदम रखते ही ऐसा लगा जैसे किसी दूसरी दुनिया में प्रवेश कर गया हूं। आसमान छूती हरियाली, बीचोंबीच गिरता हुआ विशाल झरना – "एचएसबीसी रेन वोरटेक्स", जो दुनिया का सबसे ऊंचा इंडोर वॉटरफॉल है – और उसके चारों ओर बना फॉरेस्ट वैली, जहां पेड़ों और पौधों की खुशबू से मन ताजगी से भर गया। मैंने सबसे पहले वहां का इंटरेक्टिव नक्शा उठाया और घूमना शुरू किया। ऊपर की मंजिलों पर पहुंचा, तो वहां तरह-तरह की दुकानों की कतारें थीं – स्थानीय ब्रांड से लेकर इंटरनेशनल डिज़ाइनर स्टोर्स तक।...

मकाऊ की प्रेम-गली – ‘त्रावेसा दा पैशाओ’

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मकाऊ की सड़कों पर चलते हुए जब मैं रूइंस ऑफ सेंट पॉल्स की सीढ़ियां उतरने लगा, तो दाहिनी ओर एक छोटी-सी गली ने मेरा ध्यान खींचा. हल्के गुलाबी, पीले और नीले रंगों से रंगे पुराने पुर्तगाली शैली के मकान, फूलों से सजे गमले, और पत्थरों से बनी सीढ़ियां — यह कोई आम गली नहीं लग रही थी. नाम था त्रावेसा दा पैशाओ (Travessa da Paixão) यानी प्रेम की गली. जैसे ही मैं इस गली में आगे बढ़ा, लगा जैसे समय कुछ पल के लिए थम गया हो. वहां एक अलग ही शांति और सौंदर्य था, जो हर मोड़ पर एक नई कहानी कहता प्रतीत होता था. हर मकान की दीवारें जैसे किसी पुराने प्रेम-पत्र की तरह कुछ कहना चाहती थीं. यह जगह जितनी सुंदर थी, उतनी ही रहस्यमयी भी. गली में चलते-चलते एक छोटा-सा सिनेमा दिखा. उत्सुकतावश मैं अंदर चला गया. वहां प्रेम पर आधारित क्लासिक फिल्मों के पोस्टर लगे थे, और स्थानीय स्वतंत्र फिल्मों की स्क्रीनिंग चल रही थी. यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि इस सिनेमागृह में वे फिल्में दिखाई जाती हैं, जिन्हें आमतौर पर व्यावसायिक रूप से रिलीज होने का अवसर नहीं मिलता. बाद में पता चला कि इस गली का नाम पैशाओ (Paixão) यानी "प्रे...

एक सुबह लू लिम लोक पार्क के नाम

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सुबह के ठीक 7 बजे थे. मकाऊ की सड़कों पर हल्की धूप फैली थी और हवा में एक ताजगी थी, जो शहर के समुद्री किनारों से उठकर मन को भीतर तक छू रही थी. मैंने उस दिन तय किया था, भीड़भाड़ से दूर किसी शांत, सुकून भरी जगह पर खुद के साथ कुछ पल बिताने हैं. होटल के रिसेप्शन पर पूछा तो एक नाम सामने आया — लू लिम लोक पार्क. टैक्सी मुझे Estrada de Adolfo Loureiro तक छोड़ गई. बाहर से देखने पर यह जगह कुछ खास नहीं लगी, लेकिन जैसे ही अंदर कदम रखा, लगा जैसे किसी दूसरी ही दुनिया में आ गया हूं. यह बाग, जो कि 4.4 एकड़ में फैला है, सूझोउ शैली में बना है, वही पारंपरिक चीनी डिज़ाइन जो आपको सुंदरता के साथ शांति का भी अनुभव कराती है. अंदर कदम रखते ही ध्यान सबसे पहले तालाब की ओर गया, जहां चट्टानों से गिरता पानी कमल के पत्तों के बीच खेलती रंगीन मछलियों के बीच जाकर समा रहा था. दृश्य इतना सुंदर था कि कुछ पल के लिए मैं वहीं बैठ गया. यह जगह कभी मकाऊ की सबसे बड़ी निजी संपत्ति थी और अब आम लोगों के लिए एक खुला उद्यान. अपने पुराने वैभव के साथ आज भी जीवंत. पेड़ों की छांव में बैठे बुज़ुर्ग ताई ची कर रहे थे, कुछ लोग ध्यान में ...