सुरजागढ़ परियोजना गढ़चिरोलीवासियों की लाइफ लाइन कैसे छिन सकती है?


लगाम से बोरी राष्ट्रीय महामार्ग की सड़क हुई बदहाल, हादसे बढ़े, स्वास्थ्य पर मंडराने लगा खतरा

विदर्भ के गढ़चिरोली जिले की एटापल्ली तहसील की सुरजागढ़ पहाड़ी में कच्चे लोहे का उत्खनन कर इसका परिवहन चंद्रपुर जिले में किया जा रहा है. इस परिवहन के कारण एटापल्ली समेत अहेरी, आलापल्ली और अन्य गांवों के नागरिकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लगाम से बोरी राष्ट्रीय महामार्ग पर यह परिवहन होने से यह मार्ग बदहाल हो गया है. इसका सीधा असर यह हुआ है कि भारी वाहनों की आवाजाही की वजह से इस मार्ग पर स्थित गांवों के ग्रामीणों में संबंधित परियोजना को लेकर रोष पनप रहा है.


उल्लेखनीय है कि गढ़चिरोली जिला नक्सल प्रभावित होने की वजह से यहां कोई बड़ा कारखाना या परियोजना नहीं है. लेकिन पहली बार एटापल्ली तहसील के सुरजागढ़ इलाके में लोह अयस्क का यह परियोजना आने से जिले के नागरिकों में यह उम्मीद जगी थी कि शायद इस माध्यम से स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो जाएंगे. लेकिन रोजगार बढ़ने की तो दूर उल्टा परियोजना से जो कच्चा लोहा ले जाया जा रहा है. वह ढुलाई करने वाले भारी भरकम वाहनों की वजह से राष्ट्रीय महामार्ग की सड़क ही बदहाल हो गई है. इस वजह से इस मार्ग की एसटी की बसें बंद होने से स्कूली बच्चों को भी दिक्कतें होने लगी है. 


बायपास रोड भी बन सकता है विकल्प 

गढ़चिरोली जिले में सुरजागढ़ परियोजना के भारी भरकम ट्रकों की वजह से हो रहे हादसे और सड़क की बदहालत की वजह से नागरिकों में रोष पनप रहा है. मामला गढ़चिरोली के जिलाधिकारी संजय मीना के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में यह साफ कह दिया है कि राष्ट्रीय महामार्ग पर भारी भरकम वाहनों की आवाजाही रोकी नहीं जा सकती है. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा है कि वाहनों में ओवरलोडिंग किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता है. इसके लिए उन्होंने आरटीओ के अधिकारियों को भी जरूरी निर्देश दिए है. लेकिन प्रशासन को अब इस परियोजना के इन भारी वाहनों की आवाजाही के लिए विकल्प के तौर पर बायपास रोड बनाने पर विचार करना चाहीए. वर्ना आने वाले समय में यह रोष का बड़ा कारण बन जाएगा. 


सीमेंट रोड भी उखड़ने लगी

उल्लेखनीय है कि इस परियोजना से कच्चे लोहे की ढुलाई कर उसे चंद्रपुर जिले में ले जाया जा रहा है. इस वजह से गढ़चिरोली जिले के आष्टी तक की डामर की सड़क तो बदहाल हो ही गई है. लेकिन अब चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी तक बनी सीमेंट की सड़क भी दम तोड़ती नजर आने लगी है. इसी के साथ पूरे मार्ग पर भारी वाहनों की वजह से उड़ने वाली धूल ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य की समस्या बढ़ा रही है.



ओवरलोडिंग का आरोप

लगाम से बोरी राष्ट्रीय महामार्ग पर सुरजागढ़ परियोजना के भारी-भरकम वाहनों द्वारा ओवरलोडिंग किए जाने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है. हालांकि इस मामले में गढ़चिरोली के आरटीओ जामखांडे का कहना है कि ओवरलोडिंग का आरोप सरासर गलत है. इस पर उनका विभाग बेहद गंभीरता से जांच करा रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि सुरजागढ़ पहाड़ी से लोहा लेकर जाने वाले इन वाहनों की समय-समय पर जांच कराकर इस पर नजर रखी जा रही है कि ओवरलोडिंग तो नहीं की जा रही है.


दो लेन का राष्ट्रीय महामार्ग कैसा?

इस मामले में आलापल्ली के सरपंच शंकर मेश्राम का कहना है कि सुरजागढ़ परियोजना के भारी-भरकम ट्रकों की वजह से एटापल्ली से आष्टी तक की सड़क बदहाल हो चुकी है. लेकिन जिस लगाम से बोरी मार्ग को राष्ट्रीय महामार्ग बताया जा रहा है, वह असल में सिर्फ दो लेन का है. क्या कोई राष्ट्रीय महामार्ग दो लेन का होता है? यही कारण है कि इसकी क्षमता भारी वाहनों को सहने की नहीं है. फिर भी लोहे से भरे ट्रकों को इस पर चलाया जा रहा है.

- फहीम खान, नागपुर

@फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर. 

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