ये नागपुर है मेरी जान I आखिर इस शहर को हो क्या गया है?

रविवार और सोमवार को नागपुर शहर में ऐसी भारी बारिश हुई कि एक बार फिर से नागपुर शहर ‘पानी -पानी’ हो गया. कहने के लिए यह शहर महाराष्ट्र की उपराजधानी का शहर है. लेकिन जरा सी बारिश भी इस शहर को ऐसे परेशान कर देती है कि लोग कहने लगते है कि इससे तो अपना गांव ही भला. 

देश के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का एक हिस्सा बन चुका नागपुर महानगर बारिश का कहर ही नहीं झेल पा रहा है. हालांकि कई बार मनपा प्रशासन यह दावा करता है कि मानसून पूर्व नियोजन किए जाने की वजह से अबकी बार शहरवासियों को परेशानी नहीं होगी, और होता बिल्कुल इसके उल्टा है. लोग भी इससे तंग आ चुके है. लेकिन अब करें भी तो क्या करें? हर साल का यह हाल होने की वजह से अब तो लोग मजाक में यह भी बताने लगे है कि अबकी बार बारिश में कहां क्या होगा? मसलन मनीष नगर रोड जलमग्न हो जाएगा, लोहा पुल के नीचे पानी भर जाएगा, नरेंद्र नगर पुल के भी ऐसे ही हालात होंगे. 


इस बार की बारिश से सर्वाधिक वर्धा रोड का हिस्सा प्रभावित हुआ. अंतरराष्ट्रीय कहलाने वाला नागपुर विमानतल परिसर मूसलाधार बारिश की वजह से तालाब में तब्दील हो गया. वहीं सोनेगांव पुलिस थाने के परिसर में इतना पानी भर गया था कि, पुलिस वाले चालते तो नाव चला लेते. शहर का मनीष नगर अंडरब्रिज हर बार की तरह इस बार भी पूरी तरह जलमग्न हो गया था. विमानतल से लेकर झांसी रानी चौक तक वर्धा रोड पर जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बन गई थी. शहर के प्रमुख चौराह, मार्ग पर दो से तीन फुट तक पानी जमा हो गया था. राहाटे कॉलोनी चौक स्थित फॉरेंसिंक लैब के तो यह हालात हो गए थे कि इस मानसून में करीबन 3- 4 मर्तबा यह परिसर पानी में डूब चुका है.  


हालांकि शहर पानी-पानी हो गया था फिर भी मनपा प्रशासन को जरा भी शर्म नहीं आई. शहर में सीमेंट रोड के नाम पर जो अनियोजन का खेल खेला गया है उसके नतीजे लोगों को भुगतने पड़ रहे है. सीमेंट रोड बनाते समय बारिश के पानी की निकासी कैसे होगी? इसका विचार न तो ठेकेदार ने किया और न ही संबंधित विभाग के अधिकारियों ने किया. उधर शहरवासी हर साल की तरह इस बार भी पानी में डूबा अपना स्मार्ट शहर देखते रहे गए. 


- फहीम खान, नागपुर 

@फहीम खान, जर्नलिस्ट, नागपुर. 

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