...तो समस्या ‘कमर’ से थी?

...तो समस्या ‘कमर’ से थी?
एक्टर फरदिन खान और एक्ट्रेस करीना कपूर की फिल्म ‘खुशी’ में बड़ा फेमस डॉयलॉग था कि ‘मैंने कमर नहीं देखी’. हमने हिंदी फिल्मों के ‘कमर’ वाले गित बहुत सुन रखे है. हिरोइन की ‘पतली कमर’ से ‘बलखाती कमर’ थियेटर में बतौर दर्शक हमें रोके रखने में बड़ा रोल अदा करती आई है. लेकिन अब क्या सुन रहे है कि हिरोइन की ‘कमर’ से ही कुछ लोगों को प्रॉब्लेम होने लगा है. हाल में भंसाली जी की हिंदी फिल्म ‘पद्मावती’ विवाद में घिर गई. विवाद ऐसे उठा और बढ़ता गया कि इसे रिलीज होने ही नहीं देने तक करनी सेना की हिम्मत बढ़ गई. पहले तो पद्मावती का नाम बदल कर पद्मावत कर दिया गया. फिर भी जब विरोध नहीं थमा और विभिन्न राज्य सरकारों ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया तो आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने दर्शकों को ये राहत तो दे दी है कि फिल्म तो रिलीज होकर ही रहेगी. इसके बाद भी एक दर्शक के तौर पर मैं बहुत खुश नहीं हूं. अरे जनाब, पहले तो इस फिल्म में घूमर डांस को लेकर ही विरोध के सूर उठते रहे. बाद में घूमर डांस के समय फिल्म में हिरोइन की कमर दिखाई देती है, इस पर भी ‘सैनिकों’ को ऐतराज होने लगा. ‘घूमर’ को छोड़ उन्होंने ‘कमर’ का इतना विरोध किया कि आखिरकार फिल्मकारों ने हिरोइन की ‘कमर’ ढंक डाली. अब इस घूमर डांस का जो नया वीडियो जारी किया गया है उसमें घूमर डांस के समय हिरोइन की कमर ही दिखाई नहीं दे रही है. बताइए जिस हिरोइन की कमर इतनी पतली हो और बलखाती हो तो वो डांस के जरिए उसे दिखाएगी ही ना? जब दर्शक और हिरोईन को कोई समस्या नहीं है तो बाकियों को क्यों होना चाहिए? अगर पहले ही घूमर के बजाय कमर का विरोध कर देते तो शायद हिरोइन के लिए भी ज्यादा बेहतर हो जाता. जब कमर दिखानी ही नहीं थी तो बेचारी डांस के दौरान कमर में इतनी लचक ही नहीं लाती. वैसे भी उसके पास दिखाने के लिए कमर है तो दिखा रही थी, आप और हमने तो अपने पास कमर के नाम पर ‘कमरा’ बना रखा है, ऐसे में उसे छिपाने की कोशिश करना ठीक भी है, लेकिन अपनी न दिखानी पड़े इसलिए दूसरों की ‘कमर’ पर बूरी नजर डालना अच्छा नहीं है....

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