लाख टके की बात : पुराने वीडियो वायरल करने की आखिर जरूरत ही क्या थी?

– फहीम खान पिछले हफ्ते नागपुर में हुई मूसलधार बारिश ने एक बार फिर से ‘स्मार्ट सिटी’ के दावों को पानी में बहा दिया. बारिश से जलजमाव हुआ, सड़कों पर गाड़ियां डूबी नजर आईं और कुछ इलाकों में तो हालात इतने बिगड़े कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें नाव लेकर लोगों को उनके घरों से निकालने पहुंचीं. सवाल यह है कि हर साल यही होता है, तो फिर हर बार की तैयारी अधूरी क्यों होती है?
अगर 200 मिमी बारिश में ही शहर बिखर जाए, तो स्मार्ट कहे जाने का क्या औचित्य है? हर साल जिन इलाकों में पानी भरता है, इस बार भी वही हुआ, तो क्या प्रशासन ने कुछ भी नहीं सीखा? टैक्स वसूलने में मनपा कभी पीछे नहीं रहती, लेकिन नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा की जिम्मेदारी से हाथ पीछे खींच लेती है. लेकिन इस बार प्रशासन की लापरवाही के साथ एक और चिंता की बात सामने आई, दो साल पुराने वीडियो का वायरल खेल. सोशल मीडिया पर शहर के कुछ तथाकथित 'इंफ्लुएंसर्स' ने 2023 की बाढ़ के वीडियो को 2025 की बारिश बताकर फैलाया. ये वीडियो न सिर्फ भ्रामक थे, बल्कि शहर की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले भी थे. क्या ये सब जानबूझकर हुआ? सिर्फ कुछ ‘लाइक’ और ‘व्यूज’ के लिए? जब पूरा शहर परेशान था, तब कुछ लोग अपनी सोशल मीडिया पहुंच बढ़ाने में लगे थे. ये बेहद शर्मनाक है. अब तो लगता है कि मनपा प्रशासन को भी सीखना है और शहरवासियों को भी. आलोचना हो, लेकिन तथ्यों के साथ. क्योंकि शहर हमारा है. प्रशासन की जवाबदेही तय होनी चाहिए, लेकिन नागरिकों की भी जिम्मेदारी भी कम नहीं होती. आखिरकार, यह ‘अपना नागपुर’ है, इसे हमें बदनाम नहीं करना, बल्कि पहले से बेहतर बनाने में अपना योगदान देना है.

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