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Showing posts from December, 2017

जीएसटी का असर रावण के कद पर!

दशहरा उत्सव की तैयारियों में जुटे कारीगरों को सता रही महंगाई की चिंता फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे शहर में दशहरा उत्सव के दौरान रावण दहन का कार्यक्रम केपी ग्राउंड में आयोजित किया जाता है. इस आयोजन को लेकर हाल में उपजे विवाद के बाद इस आयोजन को ग्रीन सिग्नल मिल तो गया है लेकिन अब रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की ऊंचाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनती दिख रही है. इसकी वजह है जीएसटी. जी हां, जीएसटी लागू हो जाने के बाद से वस्तुओं के दामों में आए उछाल का असर इस वर्ष रावण के कद पर होता दिख रहा है. शहर में आयोजित होने वाले रावण दहन समारोह के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की ऊंचाई पर सभी की नजर रहती है. लेकिन इस बार इसमें कटौती किए जाने की आशंका दिख रही है. दरअसल बांस और सुतली पर जीएसटी लगने से इन्हें बनाने का खर्च बढ़ गया है. साथ ही मजदूरी, कारीगरों का मेहनताना आदि के भी चलते लागत बढ़ गई है. इसका असर इस साल पुतलों की ऊंचाई पर हो सकता है. बढ़ गई लागत तिलक चौक परिसर में पुतले बनाने का काम करने वाले अमर ने मेट्रो एक्सप्रेस को बताया कि 30 सितंबर को दशहरा होने से 27 स

अंबाझरी: बंद पड़ा फाउंटेन, खिलौने भी बन गए कबाड़

फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे महानगर पालिका प्रशासन ने 20 वर्ष पूर्व अंबाझरी गार्डन में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराई थी. लेकिन इसके रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिए जाने के चलते आज ये सेवाएं पूरी तरह बंद हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि जब इन सेवाओं का आरंभ किया गया था तब महापौर के पद पर खुद मौजूदा सीएम देवेंद्र फडणवीस थे. जिस सोच से अंबाझरी गार्डन में इन सेवाओं को शुरू किया गया था उन्होंने जल्द ही दम तोड़ दिया. आज इस गार्डन में आने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और टिकट देकर ही एंट्री दी जाती है. ऐसे में अंबाझरी में बंद पड़ी इन सेवाओं को दुबारा शुरू कराने और इनके मेंटेनन्स को लेकर गंभीर होने की जरूरत महसूस हो रही है. कब रिपेयर होगा हैंगिंग पुल इस गार्डन में आने वाले ज्यादा तर पर्यटक समीप के तालाब के चलते यहां आना पसंद करते हैं. तालाब होने के ही चलते गार्डन परिसर में हैंडिंग पुल बनाया गया है. जो कोई इस गार्डन में घुमने आता है वो इस पुल पर से एक बार तो जरूर जाता ही है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस पुल के मेंटेनन्स की ओर भी ध्यान नहीं दिया जा सका है. जिस

शहर से बाहर जाने वालों से कह रहे वेलकम

फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे पिछले कुछ समय से शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों पर ‘स्मार्ट सिटी’ के तहत स्क्रीन लगाई जा रही है. ज्यादातर स्क्रीन लगाई जा चुकी है. कुछ जो रह गई है उसे भी जल्द ही लगा दिया जाएगा. लेकिन क्या आपने इन स्क्रीन को गौर से देखा है? मेट्रो एक्सप्रेस की टीम ने इन सभी स्क्रीन का मुआयना किया तो बड़ी ही दिलचस्प बात नजर आई. जिन स्क्रीन्स को शहर के एंट्री मार्गो पर लगाया गया है उन सभी स्क्रीन को गलत लेन पर लगा दिया गया है. जिसका नतीजा ये हो रहा है कि इन स्क्रीन पर दिखाए जा रहे मैसेजेस काम के साबित नहीं हो रहे है. शहर के बाहर जाने वाली लेन पर जो स्क्रीन लगी है उस पर ‘वेलकम’ का मैसेज दिखाया जा रहा है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट. शहर के प्रमुख चौराहों पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत बड़ी -बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही है. चौराहों पर लगाई जा चुकी ज्यादातर स्क्रीन पर इन दिनों तरह -तरह के मैसेजेस दिखाए जा रहे है. इन्हीं में एक मैसेज ऐसा दिखाया जा रहा है जिसे लेकर स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस योजना का क्रियान्वयन करने वाली एजेंसी के अधिकारियों की कार्यप्

लीड बैंक तक ने नहीं खुलवाए आधार केंद्र

बैंक खातों को आधार से लिंक करने सेंटर खुलवाने के दिए गए थे निर्देश फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे केंद्र सरकार आधार को सभी जरूरी सेवाओं से जोड़ने के प्रयास में जुटी हुई है. इसमें बैंक में अपने खाते को आधार से लिंक करना भी शामिल है. अभी तक सभी बैंक ग्राहकों के खाते आधार से लिंक नहीं हुए हैं. इसी वजह से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सभी बैंकों को आधार को बैंक खातों से लिंक करने के लिए ब्रांच में जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन ‘मेट्रो एक्सप्रेस’ ने जब इसकी पड़ताल की तो इस चौकाने वाली बात का खुलासा हुआ कि अबतक लीड बैंक तक इस पर अमल नहीं कर पाई है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट. यूआईडीएआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 30 सितंबर तक अपनी 10 फीसदी शाखाओं पर आधार पंजीकरण केंद्र खुलवा दें. अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो 1 अक्टूबर से बैंकों को 20 हजार रुपए प्रति ब्रांच जुर्माना देना पड़ सकता है. इस मामले की पड़ताल करते हुए एमई ने जब जानकारी जुटाई तो यह चौकाने वाली बात पता चली कि अबतक किसी भी बैंक ने अपनी शाखाओं में ऐसी व्यवस्था ही नहीं की

"50 जुर्माने से बंद हो जाएगा थूंकना?

सार्वजनिक स्थानों पर थूंकने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान ल्लकार्रवाई को लेकर अब भी नागरिकों को विश्वास नहीं फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे अंजलि शहर के ही एक कॉलेज में पढ़ती है. ट्युशन और कॉलेज के लिए उसे अपनी टू व्हीलर से ही शहर की सड़कों पर सफर करना पड़ता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसने अपनी टू व्हीलर की डिक्की में एक ड्रेस भी रखना शुरू कर दिया है. उसका कहना है कि शहर में जिस तरीके से लोग चलती गाड़ी पर से थूंक देते है उससे ये डर बना रहता है कि कही पहनी हुई ड्रेस गंदी न हो जाए. ऐसे में दूसरी ड्रेस साथ में लेकर चलना पड़ता है. वो परेशान है उन लोगों से जिनकी सड़क पर थूंकते रहने की आदत सी पड़ चुकी है. पेश है ‘मेट्रो एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट. अंजलि एकमात्र शहरी नहीं है जिसे थूंकने वालों से समस्या हो रही है. ऐसे सैकड़ों लोग रोज शहर के किसी न किसी इलाके में थूंकने वालों से परेशान हो रहे हैं. शायद इन्हीं सब लोगों की समस्या को देखते हुए ही हाल में महानगर पालिका की स्टैंडिंग कमिटी ने सार्वजनिक स्थान, सड़कों पर थूंकने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान कर दिया है. लेकिन शहरवासियों न

नियोजन के अभाव में बढ़ रही मुश्किलें

फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे शहर में जारी विकासकामों के चलते सबसे बुरा असर यातायात व्यवस्था पर हो रहा है. उल्लेखनीय है कि जहां कहीं भी काम किए जा रहे है, वहां पर  यातायात सुचारू रखने के लिए जरूरी प्रबंध और नियोजन नहीं किए जाने से ही व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही हैं. एकसाथ दर्जनों विकासकाम शुरू हो जाने से शहर में हर एक शख्स को किसी न किसी इलाके से गुजरते समय इन समस्याओं से दो चार होना ही पड़ रहा है. बावजूद इसके लोग बिना शिकायत के विकासकामों को साथ दे रहे है. लेकिन नियोजन का अभाव नागरिकों को ज्यादा परेशान कर रहा है. पिछले कुछ दिनों से ऐसी ही समस्या सदर -सावनेर रोड पर हो रही है. यहां पर फ्लाइओवर का काम आरंभ किया गया है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट. सदर (छावनी) से सावनेर की ओर जाने वाले मार्ग पर हाल के दिनों में नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया की ओर से फ्लाइओवर का काम आरंभ किया गया है. फ्लाइओवर के पिलर बनाने का काम यहां शुरू किए जाने के साथ ही रोड को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है. इसके लिए जरूरी बैरिकेड्स भी लगाए जा रहे है. लेकिन इस मार्ग पर जब से काम आर

75% निर्माण बिना ओसी के

एनएमसी और एनआईटी जैसी एजेंसियां भी नहीं दिखा रही गंभीरता फहीम खान, 8483879505 ांँीीे.‘ँंल्ल@’ङ्म‘ें३.ूङ्मे हाईकोर्ट द्वारा बिजली महावितरण कंपनी को बिना आॅक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (कब्जा प्रमाणपत्र) के बिजली के कनेक्शन नहीं देने का फैसला सुनाए जाने के बाद से ही शहर में ये मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. मेट्रो एक्सप्रेस ने इस मुद्दे की पड़ताल शुरू की तो चौकाने वाली बात उजागर हुई है. शहर और मेट्रो रिजन एरिया में 75 फीसदी से ज्यादा निर्माणकार्य बिना आॅक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लिए ही फ्लैट ओनर्स को अलॉट कर दिए जाते है. उल्लेखनीय ये भी है कि अब तक एनएमसी और एनआईटी जैसी दोनों ही एजेंसियों ने इस मामले को लेकर कभी कोई गंभीर एक्शन नहीं लिया है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट. हाल के दिनों में सीएम द्वारा एनआईटी के अधिकारों को कम कराकर उसे एनएमसी को सौंपे जाने के बाद से एनआईटी के पास मेट्रो रिजन क्षेत्र में 2472 लेआउट और शहर क्षेत्र के सभी हजारों की संख्या में लेआउट एनएमसी प्रशासन के जिम्मे आ गए है. इन दोनों ही एजेंसियों को अपने -अपने क्षेत्र में निर्माणकार्य के लिए मैप और प्रोजेक्ट सैंक्शन करने का