अंबाझरी: बंद पड़ा फाउंटेन, खिलौने भी बन गए कबाड़

फहीम खान, 8483879505
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महानगर पालिका प्रशासन ने 20 वर्ष पूर्व अंबाझरी गार्डन में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराई थी. लेकिन इसके रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिए जाने के चलते आज ये सेवाएं पूरी तरह बंद हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि जब इन सेवाओं का आरंभ किया गया था तब महापौर के पद पर खुद मौजूदा सीएम देवेंद्र फडणवीस थे. जिस सोच से अंबाझरी गार्डन में इन सेवाओं को शुरू किया गया था उन्होंने जल्द ही दम तोड़ दिया. आज इस गार्डन में आने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और टिकट देकर ही एंट्री दी जाती है. ऐसे में अंबाझरी में बंद पड़ी इन सेवाओं को दुबारा शुरू कराने और इनके मेंटेनन्स को लेकर गंभीर होने की जरूरत महसूस हो रही है.
कब रिपेयर होगा हैंगिंग पुल
इस गार्डन में आने वाले ज्यादा तर पर्यटक समीप के तालाब के चलते यहां आना पसंद करते हैं. तालाब होने के ही चलते गार्डन परिसर में हैंडिंग पुल बनाया गया है. जो कोई इस गार्डन में घुमने आता है वो इस पुल पर से एक बार तो जरूर जाता ही है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस पुल के मेंटेनन्स की ओर भी ध्यान नहीं दिया जा सका है. जिसके चलते इस पुल की भी हालत बेहद खस्ताहाल हो गई है. पुल पर बिछाई गई जाली कुछ जगह पर टूटने लगी है. उल्लेखनीय है कि इस ओर कई बार प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया गया है. लेकिन बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया
जा रहा है.
नहीं चल रहा फाउंटेन
अंबाझरी गार्डन में वर्ष 1995 के दौरान बनाया गया म्यूजिकल फाउंटेन पिछले कुछ वर्षों से बंद पड़ा है. इस सुविधा को शुरू करते समय एनएमसी के अधिकारियों ने बड़े -बड़े दावे भी किए थे. लेकिन बाद के दिनों में एनएमसी की ओर से गार्डन की ओर ही अनदेखी बरती गई. जिसके चलते ये म्यूजिकल फाउंटेन बंद हो गए. आज यहां सिर्फ बोर्ड लगा हुआ है लेकिन फाउंटेन सूखा पड़ा है. ऐसा नहीं है कि इसे दुरूस्त नहीं किया जा सकता है. लेकिन एनएमसी की ओर से इस फाउंटेन को दुरूस्त करने को लेकर भी कभी कोई कोशिश नहीं की जा रही है, जबकि नागरिक इसे देखना चाहते हैं.
पायरेट बोट भी बंद
अंबाझरी गार्डन में शुरूआती दिनों में ही प्रशासन की ओर से पायरेट बोट भी लगाई गई थी. इस बोट को बच्चे और बड़ों से काफी रिस्पॉन्स भी मिलने लगा था. लेकिन बाद के दिनों में प्रशासन ने इसके मेंटेनन्स को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई. नतीजा ये हुआ कि ये बोट कबाड़ बनती चली गई. अब तो यहां बच्चे बड़ी आस लेकर आते है लेकिन उन्हें इस बोट में बैठने का मौका ही नहीं मिल पाता है. क्योंकि बोट को काटों की झाड़ियां डालकर बंद कर दिया गया है. यहां बच्चों की एंट्री पर भी पाबंदी लगा दी गई हैं. 5-6 साल से ये बोट बंद पड़ी है.

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