कोरोना : सोशल मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी
कोरोना वायरस को लेकर इनदिनों सभी चिंता में है। सरकार और प्रशासन अलर्ट है। हमारे काबिल डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान पर खेलकर इससे लड़ रहे है। सभी की कोशिश ये है कि संक्रमण को रोका जाए। बाधित को पूरी तरह स्वस्थ किया जाए। लेकिन उनके और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सोशल मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाह बन गयी है। सोशल मीडिया के कुछ अनसोशल लोग इस संक्रामक बीमारी को हराने की मुहिम में अपनी जिम्मेदारी को समझना नहीं चाह रहे है। यही कारण है कि अफवाहों का बाजार गर्म है। इससे निपटने में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का कीमती समय जाया जाने लगा है।
आप इस बात पर गौर कीजिए कि नागपुर में अबतक 4 कोरोना बाधित मिल चुके है। वही संदिग्धों की संख्या भी करीबन 30 के ऊपर जा चुकी है। ऐसे में जिले के कलेक्टर का रोल क्या होना चाहिये? यही कि वे प्रबंधन पर पूरा फोकस करें लेकिन सोशल मीडिया में एक पोस्ट ये वायरल की जाती है कि नागपुर के कलेक्टर को भी कोरोना हो गया है। कलेक्टर सारे काम छोड़कर और अपना कीमती समय इस पर सफाई देने में गंवाते है। इससे हम ने क्या हासिल कर लिया?
ये ऐसा समय है दोस्तो जब हमें, खासकर सोशल मीडिया में सक्रिय लोगों को फर्जी पोस्ट करने और उसे फारवर्ड करने से बचना होगा। सोशल मीडिया पर हम जानकारी साँजा करते समय ये सोचे कि इससे पैनिक क्रिएट न हो, लोगो का डरना जरूरी नही है ,उनका जागरूक होना जरूरी है। मतलब साफ है अब सोशल मीडिया को सही में सोशल होना पड़ेगा।
- फहीम खान, नागपुर

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