Posts

Showing posts from 2022

नागपुर एयर फेस्ट : वायुवीरों ने दिल जीत लिया

Image
- फहीम खान, नागपुर  पिछले तीन दिनों से शहर के आसमान पर अपनी जांबाजी का परचम लहराने वाले भारतीय वायुसेना के वीर जवान शनिवार को एयर शो के दौरान नागपुरवासियों का दिल जीतकर लौट गए. इन तीन दिनों में प्रतिदिन 2 घंटे के करतबों के हिसाब से कुल 6 घंटों के करतब दिखाकर सूर्यकिरण सहित सभी वायुवीर नागपुर वासियों के दिलों दीमाग पर छा गए है.  इस बार सूर्यकिरण टीम पूरे एयर शो में विशेष आकर्षण रही. इसमें भी 9 हॉक विमानों की अगुवाई करने वाले कैप्टन भल्ला का अचानक अपनी टीम का बीच राह में ही साथ छोडकर गायब हो जाना और फिर अचानक दर्शकों के पीछे से तेज रफ्तार और आसमान को चिरती आवाज के साथ ‘शरारती मुड़’ में दर्शन देना, नागपुर के दर्शकों को कुछ ज्यादा ही भा गया. ‘भल्ला साहब, हम तो वाकई में आपकी इन अदाओं और जाबांजी के कायल हो गए है,’ यह बात एयर शो देखने वाला हर शख्स कहने लगा है.  इस पूरे एयर शो का एक ओर आकर्षण रहीं फ्लाईंग ऑफिसर रिद्धिमा गुरूंग. इस युवा वायुवीर की छोटी कद काठी और उतनी ही बुलंद आवाज. सूर्यकिरण टीमों के साहसिक करतबों के दौरान की जाने वाली कॉमेंट्री में उसकी आवाज का चढ़उतार और सबसे ज्यादा उसकी भाष

सुरजागढ़ परियोजना गढ़चिरोलीवासियों की लाइफ लाइन कैसे छिन सकती है?

Image
लगाम से बोरी राष्ट्रीय महामार्ग की सड़क हुई बदहाल, हादसे बढ़े, स्वास्थ्य पर मंडराने लगा खतरा विदर्भ के गढ़चिरोली जिले की एटापल्ली तहसील की सुरजागढ़ पहाड़ी में कच्चे लोहे का उत्खनन कर इसका परिवहन चंद्रपुर जिले में किया जा रहा है. इस परिवहन के कारण एटापल्ली समेत अहेरी, आलापल्ली और अन्य गांवों के नागरिकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लगाम से बोरी राष्ट्रीय महामार्ग पर यह परिवहन होने से यह मार्ग बदहाल हो गया है. इसका सीधा असर यह हुआ है कि भारी वाहनों की आवाजाही की वजह से इस मार्ग पर स्थित गांवों के ग्रामीणों में संबंधित परियोजना को लेकर रोष पनप रहा है. उल्लेखनीय है कि गढ़चिरोली जिला नक्सल प्रभावित होने की वजह से यहां कोई बड़ा कारखाना या परियोजना नहीं है. लेकिन पहली बार एटापल्ली तहसील के सुरजागढ़ इलाके में लोह अयस्क का यह परियोजना आने से जिले के नागरिकों में यह उम्मीद जगी थी कि शायद इस माध्यम से स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो जाएंगे. लेकिन रोजगार बढ़ने की तो दूर उल्टा परियोजना से जो कच्चा लोहा ले जाया जा रहा है. वह ढुलाई करने वाले भारी भरकम वाहनों की वज

ये नागपुर है मेरी जान I आखिर इस शहर को हो क्या गया है?

Image
रविवार और सोमवार को नागपुर शहर में ऐसी भारी बारिश हुई कि एक बार फिर से नागपुर शहर ‘पानी -पानी’ हो गया. कहने के लिए यह शहर महाराष्ट्र की उपराजधानी का शहर है. लेकिन जरा सी बारिश भी इस शहर को ऐसे परेशान कर देती है कि लोग कहने लगते है कि इससे तो अपना गांव ही भला.  देश के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का एक हिस्सा बन चुका नागपुर महानगर बारिश का कहर ही नहीं झेल पा रहा है. हालांकि कई बार मनपा प्रशासन यह दावा करता है कि मानसून पूर्व नियोजन किए जाने की वजह से अबकी बार शहरवासियों को परेशानी नहीं होगी, और होता बिल्कुल इसके उल्टा है. लोग भी इससे तंग आ चुके है. लेकिन अब करें भी तो क्या करें? हर साल का यह हाल होने की वजह से अब तो लोग मजाक में यह भी बताने लगे है कि अबकी बार बारिश में कहां क्या होगा? मसलन मनीष नगर रोड जलमग्न हो जाएगा, लोहा पुल के नीचे पानी भर जाएगा, नरेंद्र नगर पुल के भी ऐसे ही हालात होंगे.  इस बार की बारिश से सर्वाधिक वर्धा रोड का हिस्सा प्रभावित हुआ. अंतरराष्ट्रीय कहलाने वाला नागपुर विमानतल परिसर मूसलाधार बारिश की वजह से तालाब में तब्दील हो गया. वहीं सोनेगांव पुलिस थाने के परिसर में इतना प

लंबी दूरी की फायरिंग के लिए नागपुर में बनेगा कॉमन ट्रेनिंग रेंज

Image
एक ही स्थान पर फायरिंग की ट्रेनिंग ले सकेंगे सीआरपीएफ, एसआरपीएफ और राज्य पुलिस के अधिकारी -जवान बढ़ते अपराध, आतंकवाद और नक्सलवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए सीआरपीएफ, एसआरपीएफ, एंटी नक्सल आॅपरेशन से जुड़े कमांडो दल और राज्य पुलिस के अधिकारी -जवानों को अब मॉडर्न ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से तैयार करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए नागपुर में ही एक ह्यकॉमन ट्रेनिंग सेंटर एंड लॉन्ग फायरिंग रेंज बनाया जा रहा है. अभी अधिकारी -जवानों को शॉर्ट रेंज में ही फायरिंग की प्रैक्टीस करनी पड़ती है.  मिली जानकारी के अनुसार अमरावती रोड पर सुराबर्डी में स्थित मौजूदा एओटीसी सेंटर के साथ ही शहर से सटे कुछ इलाकों में इस सेंटर के लिए जगह खोजी जा रही है. विश्वसनीय जानकारी है कि इस कॉमन ट्रेनिंग सेंटर के लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपयों की निधि भी मंजूर कर दी है.  राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि, इस सेंटर के बन जाने के बाद नागपुर में ही सीआरपीएफ, एसआरपीएफ, गढ़चिरोली पुलिस के एंटी नक्सल आॅपरेशन से जुड़े कमांडों दस्ते और नागपुर शहर तथा ग्रामीण पुलिस के अधिकारी, जवानों को एक

नागपुर मनपा प्रशासन की सुनता कौन है?

Image
नागपुर महानगर पालिका प्रशासन हमेशा यह दिखाने की कोशिश करता है कि नागपुर शहर में उसकी ही चलती है. इसके लिए उसने एनडीएस जैसा दल बना रखा है. अतिक्रमण विरोधी दस्ता बनाया गया है और साथ ही अन्य तरह की कार्रवाईयों के लिए भी उसने दस्तों का गठन कर रखा है.  मनपा के अधिकारी हमेशा यह दिखावा करते है कि शहर में सबकुछ ठीक रखने के लिए वह कोशिश कर रहे है. इसके लिए कार्रवाई की जाती है, जिस वजह से लोग मनपा प्रशासन से डरते है.  हालांकि ऐसे कई मौके आते हैं जब इस पर विश्वास नहीं बैठता.  इसमें एक समस्या यह कि मनपा क्षेत्र की  सड़कों पर निर्माण सामग्री नहीं रखने की मनपा की नसीहत को कोई भी गंभीरता से लेता नहीं दिख रहा और दूसरी ओर सड़क पर खड़े रहने वाले आवारा पशुओं को लेकर भी मनपा प्रशासन की एक नहीं चल रही है. इन दोनों ही मामलों पर लोग यह कहने लगे हैं कि मनपा प्रशासन इस पर न ही बोले तो ज्यादा अच्छा होगा. शहर की सड़कों पर निर्माणकार्य में इस्तेमाल की जानेवाली सामग्री रखना, फैलाने पर मनपा प्रशासन ने पाबंदी लगा रखी है. ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है. ऐसी कार्रवाई आम नागरिकों

मोस्ट वांटेड नक्सली संदीप : पहला नक्सली जिस पर ईडी ने लिया एक्शन

Image
- पत्नी थी टीचर तो विदेश में बच्चे, हथियार लेकर घोड़े से चलता था संदीप झारखंड-बिहार सहित 5 राज्यों में आतंक का पर्याय माओवादी कमांडर संदीप यादव नक्सलियों के बीच ‘बड़े साहब’ के नाम से भी जाना जाता था। साल 2000 के बाद लोगों को डराने के लिए संदीप के नाम का इस्तेमाल किया जाता था। स्थानीय लोगों की माने तो ‘बड़े साहब’ के नाम से पहचाने जाने वाले संदीप ने एक घुड़सवार दस्ता तैयार किया था। घोड़े पर बैठकर वह एके-47 लेकर फिल्मी स्टाइल में चला करता था। करीब दो दशकों तक अपने आतंक की बदौलत टॉप माओवादी कमांडर रहे संदीप यादव उर्फ विजय ने अरबों रुपए की संपत्ति अर्जित की। प्रतिबंधित नक्सली संगठन के इस कमांडर के खिलाफ साल 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की चल-अचल संपत्ति जब्त की थी। भारत में किसी बड़े नक्सली नेता के खिलाफ ईडी की ये पहली कार्रवाई मानी जाती है। झारखंड के पलामू सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इसका वर्चस्व रहा था। संदीप को नजदीक से जानने वाले खुफिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में आतंक के मचाने के साथ संदीप खास तौर पर एक खास बिरादारी के शादी-ब्याह

भारतीय सेना के लिए नागपुर में शुरू हुई अग्निवीरो की भर्ती

Image
- 3 अगस्त 2022 तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन  - 17 सितंबर 2022 से 7 अक्टूबर 2022 होगी सेना में भर्ती  फहीम खान, नागपुर  भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना अग्निपथ के तहत नागपुर क्षेत्र में 10 जिलों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है. भारतीय सेना के लिए अग्निवीरो के चयन हेतु आरंभ की गई यह प्रक्रिया 17 सितंबर 2022 से 7 अक्टूबर 2022 तक जारी रहेगी. इसके लिए भारतीय सेना ने 5 जुलाई 2022 से 3 अगस्त 2022 के बीच इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अवसर प्रदान किए हैं.  अग्निपथ योजना के अंतर्गत नागपुर में भारतीय सेना के लिए जो भर्ती की जाएगी उसके लिए नागपुर, वर्धा, वाशिम, अमरावती, भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली,  चंद्रपुर, अकोला और यवतमाल जिले के उमेदवार आवेदन कर सकेंगे. इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान अग्निवीर जनरल ड्यूटी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर ट्रेड्समैन दसवीं पास, अग्निवीर ट्रेड्समैन आठवीं पास और अग्निवीर क्लर्क, स्टोर कीपर, तकनीकी कैटेगरी आदि के लिए पद भरे जाएंगे.  आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस नागपुर ने 5 जुलाई 2022 को इस संबंध में अपना नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 5 जुलाई

खूंखार नक्सली नेता नर्मदाक्का की मौत, माओवादी आंदोलन पर होगा असर

Image
हाल के दिनों में माओवादियों के प्रभाव क्षेत्रों में पुलिस और अर्ध्व सैनिक बलों की कार्रवाई की वजह से माओवादियों के हाथो से जमीन खिसकती नजर आ रही है. पिछले कुछ समय में बड़े माओवादी नेताओ के मारे जाने से आज नक्सली संगठनों के सामने नेतृत्व का संकट नजर आ रहा है. ऐसे में नक्सलियों के दंडकारण्य जोनल कमेटी की पूर्व सचिव, नक्सली नेता नर्मदाक्का की मौत से संगठन को बड़ी क्षति पहुंचना तय है.  नक्सलियों के दंडकारण्य जोनल कमेटी की पूर्व सचिव नर्मदाक्का का महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के एक अस्पताल में कुछ दिनों से इलाज चल रहा था. इसी दौरान उसकी मौत होने की जानकारी मिल रही है. नर्मदाक्का करीबन 42 साल तक माओवादी आंदोलन से जुड़ी रही. यही कारण है कि उनकी स्मृति में माओवादियों ने 25 अप्रैल को दंडकारण्य में बंद का आह्वान किया है.  कौन थी नर्मदाक्का ? माओवादी संगठन का विस्तार और प्रचार करने में नर्मदाक्का ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. 3 साल पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा से नर्मदाक्का को उसके पति दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के मेंबर किरण कुमार उर्फ़ किरण दादा (57) को गिरफ्तार किया गया था. इसके

"मिस इंफॉर्मेशन वार"

Image
हम लोग एक ऐसे युग में जी रहे हैं जिसे इंफॉर्मेशन युग कहां जाता है. इंफॉर्मेशन मतलब जानकारी या तथ्य होता है. लेकिन जरूरी नहीं है कि हम तक पहुंचने वाली हर इंफॉर्मेशन सही ही हो. इस युग में जब सोशल मीडिया का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, एक बड़ी आबादी अपना अधिकतम समय विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गुजारने लगी है, तो इंफॉर्मेशन का आदान-प्रदान तेजी से होना लाजमी है. इसी के साथ तेजी से वायरल होने वाली इंफॉर्मेशन की सच्चाई को टटोलने का समय भी लगभग खत्म होने लगा है.  यही कारण है कि इंफॉर्मेशन के इस युग में कई बार मिस इंफॉर्मेशन फैलने की आशंका बनी रहती है. इन दिनों इंफॉर्मेशन का एक नया रूप हम सभी यूक्रेन और रूस की लड़ाई में देख रहे हैं. इन दो देशों के बीच चल रही लड़ाई जितनी जमीन पर लड़ी जा रही है, उससे कई गुना अधिक यह लड़ाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लड़ती हुई दिख रही है. यही कारण है कि इन दो देशों के बीच की लड़ाई को इंफॉर्मेशन वार भी कहा जाने लगा है.  जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमले की घोषणा की थी, उसी दिन से रूस ने यूक्रेन के खिलाफ एक इंफॉर्मेशन वार भी छेड़ दिया। लेकिन जैसे -जैसे ये युद्ध आगे बढ़