एकसाथ 60 स्पॉट्स पर जांच रहे ध्वनि प्रदूषण

एकसाथ 60 स्पॉट्स पर जांच रहे ध्वनि प्रदूषण
- हाइकोर्ट के निर्देश के बाद नीरी को सौंपी गई जिम्मेदारी
- शहर में युद्धस्तर पर जुटाए जा रहे हैं आंकड़े
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फहीम खान, 8483879505
आमतौर पर विभिन्न त्यौहारों के दौरान और त्यौहारों के पहले -बाद कुछ स्पॉट्स पर कितना ध्वनि प्रदूषण था, इसकी जांच महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) कराया करता था. लेकिन आम दिनों में भी ध्वनि प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है. इसी पर हाल में मुंबई हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए सरकार से डिटेल आंकड़ों के साथ रिपोर्ट तलब की है. ये काम राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) को सौंपने के बाद एकसाथ शहर के 50-60 स्पॉट्स पर मशीनों की मदद से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
रफ्तार के बावजूद लेट
एमई को जानकारी मिली है कि भले ही हाईकोर्ट के निर्देश के उपरांत नीरी ने तेजी से काम शुरू किया है लेकिन जो टाइम न्यायालय की ओर से दिया गया था, उसमें देरी होती दिखाई दे रही है. हालांकि नीरी की ओर से यह कोशिश भी की जा रही है कि जल्द से जल्द शहर के सभी स्पॉट्स पर आंकड़े जुटा लिए जाएं, लेकिन बारिश आने के बाद से काम की रफ्तार प्रभावित होती दिख रही है.
वर्किंग डेज और नॉन वर्किंग डेज
शहर में विभिन्न स्पॉट्स पर ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े जुटाने की इस मुहिम को वर्किंग डेज (कामकाजी दिन) और नॉन वर्किंग डेज (गैरकामकाजी दिन) में बांटा गया है. जानकारी है कि दोनों के आंकड़ों को कम्पेयर किया जाएगा. इस पर संबंधित वैज्ञानियों के द्वारा जरूरी टिप्पणी भी की जाएगी.
उपाय भी बताएंगे
जब मेट्रो एक्सप्रेस की टीम ने शहर के अलग -अलग 60 स्पॉट्स पर मशीनों के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण की जांच में जुटे नीरी के वैज्ञानिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी इसका डाटाबेस बनाया जा रहा है. इस पर स्टडी करने के बाद सोल्यूशन के साथ हाइकोर्ट के लिए एक रिपोर्ट बनाकर पेश की जाएगी. इस रिपोर्ट के माध्यम से बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के जरूरी उपाय भी बताए जाने वाले हैं.
27 मनपा में जांच
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) से सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि राज्य की 27 महानगर पालिका क्षेत्रों में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर आंकड़े तलब किए है. इसी लिए नागपुर के अलावा अन्य 27 महानगर पालिका क्षेत्रों में भी ये जांच आरंभ की गई है.
वर्जन...
बढ़ रहा है नॉइज पॉल्यूशन
कॉर्पोरेशन लिमिट में हम उन जोन के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रहे है जहां पर ध्वनि प्रदूषण बहुत ज्यादा हो रहा है. नीरी की मदद इस काम के लिए ली जा रही है. जल्द ही डाटा इकट्ठा हो जाएगा. इस जानकारी को जुटाने के बाद हम इससे राहत पाने के उपायों पर भी सोचेंगे.
- पी. अनबालगन, मेंबर, एमपीसीबी
मॉनिटरिंग स्टेशन भी बनेंगे
इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे रितेश और विजय अपने सीनियर साइंटिस्ट्स के साथ मिलकर इस काम में जुटे हैं. मेट्रो एक्सप्रेस को उन्होंने बताया हर बड़े शहर में करीबन 100 नॉइज मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इन शहरों को विदर्भ, मुंबई, औरंगाबाद और पुणे ऐसे चार अलग -अलग जोन में बांटा गया है. वहीं छोटे शहरों में करीबन 50 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस जांच के उपरांत जो डाटा प्राप्त होगा उसी आधार पर स्टेशन के स्पॉट्स तय किए जाएंगे. रेलवे स्टेशन, इंडस्ट्रियल एरिया, कंस्ट्रक्शन साइट जैसे ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले स्थानों के आस पास ही स्टेशन बनाने की कोशिश की जाएगी.
ट्रैफिक से फैल रहा ध्वनि प्रदूषण
विजय का कहना है कि 50 फीसदी से ज्यादा महानगरों में ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण इन दिनों ट्रैफिक बन गया है. यही कारण है कि महानगरों के जिन इलाकों में दिन, रात और वर्किंग तथा नॉन वर्किंग डे पर ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. इस आधार पर ही हम यह तय करेंगे कि ट्रैफिक के कारण तेजी से बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि ध्वनि प्रदूषण के चलते हो रहे परिणामों की जानकारी स्थानीय प्रशासन को देने के लिए सभी 27 मनपा क्षेत्रों में वर्कशॉप का भी आयोजन किया जा रहा है.

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