पांच साल बाद हुए निराआधार
पांच साल बाद हुए निराआधार
- 40 दिन बाद भी दूसरा मिला नहीं
फहीम खान, 8483879505
इन दिनों आधार इतना ज्यादा जरूरी बन चुका है कि इसके बिना आपका कोई भी काम रुक सकता है. आधार को पैन, बैंक अकाउंट और सिमकार्ड से लिंक किया जा रहा है, वहीं स्कूलों के साथ ही जीएसटी पंजीयन के लिए भी यह अनिवार्य किया गया है. इसी बीच यदि आपको अचानक पता चले कि जो आधार नंबर आप पिछले पांच वर्षों से इस्तेमाल कर रहे थे, वो कैंसल हो चुका है तो? आप सोच भी नहीं सकते हालात कितने बिगड़ जाएंगे. इन दिनों ऐसे ही हालात से गुजर रहे हैं जाफर नगर निवासी एक बिजनेसमैन और उनकी पत्नी. पहला आधार रद्द हो जाने के बाद दूसरे के लिए आवेदन भी किया लेकिन 40 दिन के इंतजार के बाद भी उन्हें कोई सकारात्मक नतीजा नजर नहीं आ रहा है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
पांच वर्ष से इस्तेमाल किए जा रहे आधार नंबर में दिक्कत आने के बाद यह दंपति सीधे महानगर पालिका में चल रहे आधार केंद्र पहुंचा और एक बार फिर से बायोमैट्रिक अपडेट्स करा लिए. लेकिन जब एक महीने के बाद इस संबंध में पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि दोनों के आधार नंबर पूरी तरह इनवैलिड हो चुके हैं.
सिद्दीकी ने यूआईडी की वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. लेकिन जब जवाब आया तो उसमें ‘केस क्लोज्ड’ लिखा था, हालांकि कारण कुछ भी नहीं बताया गया. इसके बाद सिद्दीकी फिर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां पर 21 जून को उन्होंने नए सिरे से आधार पंजीयन कराया. लेकिन यह नंबर भी अबतक जेनरेट नहीं हुआ है.
और यूं इनवैलिड हो गया आधार नंबर!
जाफर नगर निवासी मो. रियाजुद्दीन मुस्तकीम सिद्दीकी और उनकी पत्नी जीनत ने वर्ष 2012 में आधार के लिए पंजीयन कराया था. उन्हें क्रमश: 805439177928 और 497805478794 आधार नंबर मिले थे. जिसका इस्तेमाल वो अब तक करते आ रहे थे. मार्च 2017 में उन्हें पता चला कि उनका आधार नंबर इनवैलिड हो गया है. इसके बाद से ही सिद्दीकी दंपति की परेशानी बढ़ गई है. अब वो नए नंबर के लिए सरकारी कार्यालयों और केंद्रों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं.
हेल्पलाइन से नहीं मिली मदद
अपना आधार नंबर वैलिड नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद सिद्दीकी ने तुरंत आधार की हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल किया. लेकिन वहां से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली सिर्फ यही कहा गया कि आपको नए दिरे से बायो मैट्रिक अपडेट्स करानी पड़ेंगी. इसके लिए किसी भी केंद्र में जाकर मदद ले सकते हैं.
जीएसटी नंबर भी अटका
सिद्दीकी को इसके साथ ही और भी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. एक ओर तो पांच वर्ष पुराना आधार नंबर रद्द होने और नया जेनरेट नहीं होने से वे पहले ही परेशान चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें जीएसटी नंबर भी नहीं मिल रहा है. जब उन्होंने इसके संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि जबतक वैलिड आधार नंबर उनके पास नहीं होगा तब तक उन्हें जीएसटी नंबर नहीं मिल सकता है. परेशानी यह है कि इस महीने का उनका पेमेंट जीएसटी नंबर नहीं होने से रुका पड़ा है. नए आधार नंबर की गुंजाइश भी दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में अगला पेमेंट भी रुकने की आशंका उन्हें सता रही है.
शिकायत किसे करें?
उल्लेखनीय है कि एक ओर आधार को लेकर हर दिन नए -नए फैसले लिए जा रहे हैं. इसी के साथ इससे जुड़ी समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. लेकिन ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए कोई अथॉरिटी नियुक्त नहीं की गई है. यूआईडी ने अपनी वेबसाइट पर ऐसी व्यवस्था तो की है लेकिन वहां पर भी सिद्दीकी पुराने आधार नंबर के मामले में मायूस हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें अपनी परेशानी लेकर किसके पास जाना है, यह समझ नहीं आ रहा है.
- 40 दिन बाद भी दूसरा मिला नहीं
फहीम खान, 8483879505
इन दिनों आधार इतना ज्यादा जरूरी बन चुका है कि इसके बिना आपका कोई भी काम रुक सकता है. आधार को पैन, बैंक अकाउंट और सिमकार्ड से लिंक किया जा रहा है, वहीं स्कूलों के साथ ही जीएसटी पंजीयन के लिए भी यह अनिवार्य किया गया है. इसी बीच यदि आपको अचानक पता चले कि जो आधार नंबर आप पिछले पांच वर्षों से इस्तेमाल कर रहे थे, वो कैंसल हो चुका है तो? आप सोच भी नहीं सकते हालात कितने बिगड़ जाएंगे. इन दिनों ऐसे ही हालात से गुजर रहे हैं जाफर नगर निवासी एक बिजनेसमैन और उनकी पत्नी. पहला आधार रद्द हो जाने के बाद दूसरे के लिए आवेदन भी किया लेकिन 40 दिन के इंतजार के बाद भी उन्हें कोई सकारात्मक नतीजा नजर नहीं आ रहा है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
पांच वर्ष से इस्तेमाल किए जा रहे आधार नंबर में दिक्कत आने के बाद यह दंपति सीधे महानगर पालिका में चल रहे आधार केंद्र पहुंचा और एक बार फिर से बायोमैट्रिक अपडेट्स करा लिए. लेकिन जब एक महीने के बाद इस संबंध में पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि दोनों के आधार नंबर पूरी तरह इनवैलिड हो चुके हैं.
सिद्दीकी ने यूआईडी की वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. लेकिन जब जवाब आया तो उसमें ‘केस क्लोज्ड’ लिखा था, हालांकि कारण कुछ भी नहीं बताया गया. इसके बाद सिद्दीकी फिर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां पर 21 जून को उन्होंने नए सिरे से आधार पंजीयन कराया. लेकिन यह नंबर भी अबतक जेनरेट नहीं हुआ है.
और यूं इनवैलिड हो गया आधार नंबर!
जाफर नगर निवासी मो. रियाजुद्दीन मुस्तकीम सिद्दीकी और उनकी पत्नी जीनत ने वर्ष 2012 में आधार के लिए पंजीयन कराया था. उन्हें क्रमश: 805439177928 और 497805478794 आधार नंबर मिले थे. जिसका इस्तेमाल वो अब तक करते आ रहे थे. मार्च 2017 में उन्हें पता चला कि उनका आधार नंबर इनवैलिड हो गया है. इसके बाद से ही सिद्दीकी दंपति की परेशानी बढ़ गई है. अब वो नए नंबर के लिए सरकारी कार्यालयों और केंद्रों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं.
हेल्पलाइन से नहीं मिली मदद
अपना आधार नंबर वैलिड नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद सिद्दीकी ने तुरंत आधार की हेल्पलाइन नंबर 1947 पर कॉल किया. लेकिन वहां से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली सिर्फ यही कहा गया कि आपको नए दिरे से बायो मैट्रिक अपडेट्स करानी पड़ेंगी. इसके लिए किसी भी केंद्र में जाकर मदद ले सकते हैं.
जीएसटी नंबर भी अटका
सिद्दीकी को इसके साथ ही और भी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. एक ओर तो पांच वर्ष पुराना आधार नंबर रद्द होने और नया जेनरेट नहीं होने से वे पहले ही परेशान चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें जीएसटी नंबर भी नहीं मिल रहा है. जब उन्होंने इसके संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि जबतक वैलिड आधार नंबर उनके पास नहीं होगा तब तक उन्हें जीएसटी नंबर नहीं मिल सकता है. परेशानी यह है कि इस महीने का उनका पेमेंट जीएसटी नंबर नहीं होने से रुका पड़ा है. नए आधार नंबर की गुंजाइश भी दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में अगला पेमेंट भी रुकने की आशंका उन्हें सता रही है.
शिकायत किसे करें?
उल्लेखनीय है कि एक ओर आधार को लेकर हर दिन नए -नए फैसले लिए जा रहे हैं. इसी के साथ इससे जुड़ी समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. लेकिन ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए कोई अथॉरिटी नियुक्त नहीं की गई है. यूआईडी ने अपनी वेबसाइट पर ऐसी व्यवस्था तो की है लेकिन वहां पर भी सिद्दीकी पुराने आधार नंबर के मामले में मायूस हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें अपनी परेशानी लेकर किसके पास जाना है, यह समझ नहीं आ रहा है.
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