आधे टिकट में कुछ भी भेजो

आधे टिकट में कुछ भी भेजो
- रापनि को छोटे पार्सल से एलर्जी
- ऊपरी कमाई के चक्कर में लगे रहते हैं  ड्राइवर-कंडक्टर
फहीम खान, 8483879505
महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम की बसों के माध्यम से लोग अपने पार्सल भेजने लगे तो विभाग को इसी में कमाई की उम्मीद दिखाई देने लगी. इसके बाद विभाग ने हर बस स्टॉप पर अपना खुद का एक पार्सल आॅफिस खोल दिया. लेकिन आज भी इन आॅफिसों की कार्यप्रणाली पार्सल भेजने वालों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है. उधर छोटे पार्सल लेने से इनकार किए जाने का फायदा बसों के ड्राइवर और कंडक्टर उठाने लगे हैं. सिर्फ आधे टिकट का पैसा दे दो तो बिना किसी जांच और जानकारी के वो पार्सल ले जाने के लिए तैयार हो जाते हैं. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
राज्य परिवहन निगम के ड्राइवर और कंडक्टर इन दिनों ‘ऊपरी कमाई’ के चक्कर में दिखाई दे रहे हैं. जब कोई भी इन ड्राइवर - कंडक्टर को छोटे पार्सल थमाता है तो वो उस स्थान की टिकट का आधा पैसा उससे मांगते हैं. आम लोग तो इतना पैसा देने के लिए तैयार नहीं होते लेकिन वो लोग इतनी राशि तुरंत दे देते हैं जिन्हें पार्सल भेजना जरूरी होता है. उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति को भेजकर जो काम जाने-आने की टिकट खर्चकर होगा, वही काम आधी टिकट में होने के चलते ज्यादातर विक्रेता, व्यापारी इसका पूरा फायदा उठाते दिखाई दे रहे हैं.
छोटे पार्सल से परहेज
मेट्रो एक्सप्रेस ने जब देखा कि लोग ड्राइवर और कंडक्टर को टिकट के आधे पैसे देकर कोई भी पार्सल थमा रहे हैं, तो इस मामले की पड़ताल शुरू  की गई. पड़ताल के दौरान टीम ने गणेशपेठ स्थित रापनि के पार्सल आॅफिस पहुंचकर वहां पर मौजूद अधिकारियों से बात की. जब उन्हें एक छोटा पार्सल देकर इसे भेजने की बात कही गई तो उन्होंने मना कर दिया. उनका कहना था कि इतने छोटे पार्सल वो नहीं भेजते है. उन्होंने जो साइज दिखाया वो करीबन डेढ़ किलो जैसा था. यानी इससे कम के पार्सल रापनि के आॅफिस से नहीं भेजे जाते.
कुछ भी भेजो साहब
इसी छोटे पार्सल को एमई टीम ने गणेशपेठ बस स्टॉप पर खड़ी एक बस के ड्राइवर को दिया और उन्हें बताया कि इसे राजुरा भेजना है. वहां हमारा आदमी आपसे यह पार्सल रिसीव कर लेगा. ड्राइवर ने पार्सल ले जाने के लिए हां कर दी लेकिन नागपुर से राजुरा की आधी टिकट की राशि मांगी. यह राशि बहुत ज्यादा है कहकर टीम वहां से निकल ही रही थी कि ड्राइवर कहने लगा कि साहब 25-25 रुपए में अब कोई पार्सल नहीं ले जाएगा. आधी टिकट दे दो और कुछ भी भेज दो, हम मना नहीं करेंगे.
गणेशपेठ से निकलने के बाद एमई टीम सीधे रहाटे कॉलोनी चौक पर पहुंची. यहां पर भामरागढ़ जाने वाली एक बस के परिचालक (कंडक्टर) से कहा कि यह छोटा पार्सल आलापल्ली में देना है. कंडक्टर तुरंत तैयार हो गया और इसके लिए आधी टिकट के पैसे मांगने लगा. काफी देर तक अपनी बात पर अड़ा रहा लेकिन जब बस छूटने लगी तो 100 रुपए में पार्सल ले जाने के लिए राजी हो गया. हालांकि एमई टीम ने या राशि भी ज्यादा है कहकर पार्सल वापस ले लिया.

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