करोड़ों की दवा ‘रिटर्न’

करोड़ों की दवा ‘रिटर्न’
- जीएसटी का असर
फहीम खान, 8483879505
इसे जीएसटी का खौफ कएि या कुछ और. लेकिन जहां एक ओर मार्केट में सेल और भारी डिस्काउंट का दौर चल पड़ा है, वहीं फार्मा कंपनियों को इन दिनों खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. पहले तो कंपनियों ने डीलर्स को एडवांस स्टॉक उठाने का जो जाल फेंका था, उसमें वो खुद ही फंस गई थी. और फिर दृश्य कुछ यूं बदला कि जैसे-जैसे जीएसटी लागू होने की तारीख करीब आने लगी तो डीलर्स ने फार्मा कंपनियों को अपना स्टॉक भी रिटर्न करना शुरू कर दिया.  जिसके चलते कंपनियों को पिछले दस दिनों में ही करोड़ों रुपयों की दवा का स्टॉक रिटर्न लेना पड़ा है. इससे कंपनियों का सिरदर्द बढ़ गया है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
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शहर में दवा कंपनियों से विभिन्न प्रोडक्ट खरीदकर उसका स्टॉक करने वाले डीलर्स की संख्या सैकड़ों में है. ये डीलर्स मेडिकल विक्रेताओं को माल सप्लाई करते हैं. लेकिन जीएसटी लागू होने के संकेत मिलने के बाद से ही आम विक्रेताओं ने स्टॉक बढ़ाने की बजाय घटाना शुरू कर दिया था. इसी बीच फार्मा कंपनियों की ओर से यह पैंतरा चला गया कि डीलर्स ज्यादा से ज्यादा दवा का स्टॉक एडवांस में ही ले लें. इसके लिए यह तर्क भी दिया गया कि जीएसटी के बाद दवा की किल्लत महसूस होने लगेगी. हालांकि फार्मा कंपनियों के इस झांसे में डीलर्स नहीं आए. किसी भी डीलर ने एडवांस स्टॉक बुक नहीं किया.
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दस दिन में बढ़ा रिटर्न
फार्मा कंपनियों का दावा इस मामले में पूरी तरह से उल्टा पड़ा दिख रहा है. क्योंकि कहां तो कंपनियां एडवांस स्टॉक बुक करवाने की फिराक में थीं, पर इसके उलट पिछले दस दिन में यह हाल हो गया है कि डीलर्स के पास जो कुछ स्टॉक बचा है, उसे ही लौटाया जाने लगा है. दवा का स्टॉक भारी मात्रा में लौटाने का यह सिलसिला 20 तारीख से शुरू हुआ और 30 जून तक  जारी रहा. बता दें कि आमतौर पर दवा कंपनियों को डीलर्स की ओर से हर माह वही दवा रिटर्न की जाती है, जो एक्सपायरी होती थी या फिर जिस प्रोडक्ट का सेल ज्यादा नहीं होता था. लेकिन इस बार इसमें काफी ज्यादा इजाफा देखा जा रहा है.
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ऐसा पहली बार हुआ
दवा कंपनियों के अधिकारियों ने मेट्रो एक्सप्रेस को बताया है कि पिछले महीने तक रिटर्न पॉलिसी के तहत उन्हें 30-40 हजार रुपए की दवा ही डीलर्स वापस लौटाते थे. लेकिन इस बार जीएसटी के डर से डीलर्स ने 20 से 30 जून तक केवल दस दिनों के भीतर ही करोड़ों रुपए की दवा वापस लौटा दी है. एक फार्मा कंपनी के अधिकारी का कहना है कि इन दस दिनों में उन्हें हर डीलर द्वारा 80 हजार तक की दवा लौटाई गई है. तीन डीलर तो ऐसे हैं, जिन्होंने डेढ़ लाख रुपए की दवा लौटा दी है.
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फिर रिटर्न होगी दवा
मुंबई, पुणे में जिन फार्मा कंपनियों के हेडक्वार्टर्स हैं उन कंपनियों ने नागपुर में पिछले दस दिनों में इकट्ठा हुई रिटर्न दवा का स्टॉक वापस हेड आॅफिस भेजना शुरू कर दिया है. अधिकारी बता रहे हैं कि एक्सपायरी दवा अलग करने के बाद शेष बची दवा के स्टॉक को जीएसटी लगाकर फिर से मार्केट में लाया जाएगा. लेकिन इसके चलते फार्मा कंपनियों के स्थानीय कार्यालयों के काम काफी बढ़ गए हैं.
उधर फार्मा कंपनियां अपने अधिकारियों पर यह दबाव बनाती देखी गर्इं कि डीलर्स को स्टॉक रिटर्न करने से मनाने की हरसंभव कोशिश की जाए. इसके लिए लुभावने आॅफर्स भी दिए जाने की जानकारी है.
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