फाइल अटकी, कैसे स्मार्ट बने हॉस्पिटल?
- मामला कामठी रोड स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल का
फहीम खान, 8483879505
नागरिकों को बेहतरीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट देने के लिए स्मार्ट बसेस शहर में लाई जा चुकी है. पुलिस को स्मार्ट बनाने की दिशा में साइबर सेल की लैब को स्मार्ट बनाया जा रहा है. स्मार्ट बस स्टॉप बनाए जा रहे हैं. लेकिन यह स्मार्टनेस अस्पतालों में कब आएगी, यह सवाल अब उठने लगा है. घोषणाएं तो तमाम हुई हैं लेकिन अबतक इस अस्पताल की न तो नई बिल्डिंग का निर्माण आरंभ हुआ है और न ही यहां पर अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने की ही शुरुआत ही हो सकी है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित ‘डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल तथा अनुसंधान केंद्र’ कामठी रोड पर स्थित है. अस्पताल की खासियत यह है कि यहां ओपीडी का समय बेहद कम होने के बावजूद यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. ओपीडी में आने वाले मरीजों का आंकड़ा हर महीने दो से तीन हजार तक पहुंच चुका है. इसके बावजूद इस अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के प्रस्ताव पर अबतक अमल नहीं हो सका है. सच तो यह है कि उक्त प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के चलते इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
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कब लगेंगे 260 बेड?
‘मेट्रो एक्सप्रेस’ ने इस अस्पताल के बारे में जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि यहां करोड़ों की लागत से एक आधुनिक अस्पताल बनाने के प्रस्ताव को सरकार द्वारा करीब दो साल पहले मंजूरी दी जा चुकी है. इस पर काम भी शुरू होने वाला था, लेकिन फाइल कहां अटकी पड़ी है, किसी को पता नहीं. उल्लेखनीय है कि नई बिल्डिंग बन जाने पर यहां 260 बेड की व्यवस्था हो जाएगी. अभी बड़ी मुश्किल से 10-15 बेड की ही सुविधा उपलब्ध है.
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नई बनी नहीं, पुरानी बदहाल
शहर के कामठी रोड पर स्थित इस अस्पताल की नई बिल्डिंग का निर्माण अबतक शुरू नहीं हो सका है. साथ ही पुरानी बिल्डिंग के रखरखाव की भी समस्या यहां आने वाले मरीजों की मुसीबत बढ़ा रही है. मौजूदा बिल्डिंग में जो ओपीडी चल रही है, उसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से अस्पयाल की मौजूदा बिल्डींग के रखरखाव की ओर अनदेखी की जा रही है. अस्पताल परिसर में फैल रही गंदगी और बदबू अब यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों के लिए परेशान बढ़ाने वाले साबित हो रहे है.
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बन गया कूड़ादान
कामठी रोड पर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल की मौजूदा बिल्डिंग के पीछे दो-तीन एकड़ की खुली जमीन है. इसी स्थान पर सरकार ने करोड़ों की लागत से नए अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करने का प्रस्ताव मंजूर किया है. पिछले दो-तीन वर्षों से इस प्रस्ताव पर सिर्फ चर्चा ही हो रही है. जिस जमीन पर नई बिल्डिंग बनाई जानी थी, वहां पर अबतक निर्माण आरंभ नहीं होने के चलते अब इसे स्थानीय लोगों ने कूड़ाघर बना दिया है. इलाके के लोग अपने घरों का कूड़ा यहीं पर लाकर डालते हैं. आवारा मवेशी इसी कूड़े को परिसर में फैला देते हैं. इसी तरह अस्पताल के पीछे निकासी के पाइप फट जाने से गंदा पानी फैलने लगा है. इसके चलते यहां सुअरों का आतंक बढ़ने लगा है.
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टूट रहे शीशे
मौजूदा अस्पताल बिल्डिंग भीतर से तो साफ-सुथरी नजर आती है लेकिन इसके रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिए जाने का नतीजा यह हो गया है कि बिल्डिंग बाहर से बदहाल होती जा रही है. इस बिल्डिंग की खिड़कियों के शीशे टूटने लगे हैं. निकासी के लिए बने गटर के गड्ढों की नियमित रूप से सफाई नहीं किए जाने के चलते ज्यादातर गड्ढों में पॉलिथिन और कूड़ा पड़ा नजर आया. जिसके चलते निकासी का गंदा पानी परिसर में ही फैलने और इसके चलते बदबू की परेशानी होने लगी है. सो
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