भीषण जलसंकट में काट रहे चांदी

भीषण जलसंकट में काट रहे चांदी
- तिगुने दामों में मिल रहा टैंकर
फहीम खान, 8483879505
भीषण गर्मी के कारण शहर में भी जलसंकट गहरा गया है. यही कारण है कि इस वर्ष पानी के टैंकर्स की मांग भी काफी बढ़ गई हैं. लेकिन ऐसे मौके का फायदा उठाने में भी कुछ लोग नहीं चुक रहे हंै. महानगर पालिका प्रशासन ने शहर क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के लिए टैंकर की क्षमता के अनुसार उसके रेट तय कर दिए हैं. बावजूद इसके लोगों की जरूरत और मांग को देखते हुए खुलेआम ज्यादा रेट पर टैंकर दिए जा रहे हैं. टैंकर से पानी पहुंचाने के नाम पर जारी यह गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. लेकिन शिकायतों के बावजूद प्रशासन इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
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शहर में इस वर्ष भी भीषण जलसंकट के हालात है. विभिन्न रिहायशी कॉलोनियों और अपार्टमेंट्स में पानी की किल्लत महसूस की जा रही है. शहर के मेट्रो रीजन परिसर में बसी नई बस्तियों में तो जलसंकट के हालात बहुत की गंभीर हो गए हैं. ऐसे में सभी को टैंकर से पानी सप्लाई करने की जरूरत महसूस हो रही है. इसीका फायदा कुछ लोग उठाते नजर आ रहे हैं. महानगर पालिका और ओसीडब्ल्यू की ओर से शहर में जलसंकट के दौरान टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है. इसके लिए मनपा प्रशासन ने लीटर की क्षमता के अनुसार टैंकर के रेट तय कर दिए हैं, ताकि आम नागरिकों को पानी के नाम पर लूटा न जा सके. लेकिन बावजूद इसके नियमों को धता बताकर खुलेआम लूटखसोट जारी है.
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यह है तय रेट
" 435- 2000 लीटर 
" 495- 3000 लीटर
" 555- 4000 लीटर
" 650- 6000 लीटर
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जांच की व्यवस्था नहीं
उल्लेखनीय है कि महानगर पालिका अपने जोन के माध्यम से उन क्षेत्रों में टैंकर से जलापूर्ति कर रही है. जलापूर्ति करते समय यह नियम भी बनाया गया है कि पानी सिर्फ पीने के लिए ही दिया जाएगा. लेकिन ऐसे भीषण जलसंकट में टैंकर का पानी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भी देने का नियम बनाया गया है. पर सच्चाई तो यह है कि स्थानीय कर्मियों द्वारा आपस में मिलजुलकर निर्माण और अन्य कामों के लिए भी टैंकर दिए जा रहे हैं. हालांकि मनपा अधिकारी इस बात से इनकार करते हैं. लेकिन वो इन शिकायतों की जांच के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दे पा रहे है. यहां बता दें कि मनपा के पास ऐसे मामलों की जांच के लिए कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है.
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दिखावे की सूचना किस काम की?
शहर में विभिन्न स्थानों पर जोन कार्यालयों के अंतर्गत टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है. इसके लिए मनपा ने रेट तय कर दिए है. खुद मनपा अधिकारी भी भलीभांति ये जानते है कि इन रेट से टैंकरों की आपूर्ति नहीं की जा रही है. यहां पर ज्यादा रेट लेकर भी टैंकर सप्लाय किए जा रहे है. इसीलिए सूचना भी लगा दी गई है कि ज्यादा दाम न चुकाए और रिसीप्ट जरूर ली जाए. जिनके पास रिसीप्ट नहीं होगी उनकी शिकायतों का विचार नहीं किया जाएगा. ऐसी सूचना लिखकर अधिकारियों ने अपने आपको तो बचा लिया लेकिन सच्चाई ये है कि टैंकर सप्लाय में ज्यादा दाम लेने का ये गोरखधंधा बिना रसीद के किया जा रहा है. जरूरतमंद लोग भी बिना रसीद के मजबूरन टैंकर ले रहे है.
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रिसीप्ट तो देते ही नहीं
उल्लेखनीय है कि शहर के अलग -अलग जोन में टैंकर्स भरने की व्यवस्था कराई गई है. इन जोन कार्यालयों में जाकर तय रेट से टैंकर्स बुक कराए जा सकते है. रजिस्टर में एंट्री होने के बाद लिस्ट के क्रम के अनुसार टैंकर्स सप्लाय किए जाते है. ‘एमई’ टीम ने पड़ताल के लिए सेमिनरी हिल्स परिसर से अपार्टमेंट के नाम पर दो टैंकर बुक कराए. इसके लिए सिक्योरिटी से लेकर वहां पर कार्यरत कर्मियों तक से बात की गई. पहले तो टैंकर देने में आनाकानी की गई. लेकिन जब सिक्योरिटी गार्ड को अकेले में लेजाकर लालच दिखाया गया तो उसने टैंकर कैसे मिल जाएगा ये समझा दिया. इसके बाद 2000 रुपए देकर 4000 लीटर वाले दो टैंकर्स मिल गए. लेकिन गौरतलब है कि कर्मियों ने पहले ही बता दिया कि इसकी रिसीप्ट नहीं मिलेगी.
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