डबल हो गया टाइम, काम फिर भी अधूरा

डबल हो गया टाइम, काम फिर भी अधूरा
- लड़कियों के होस्टल का मामला
फहीम खान, 8483879505
‘स्मार्ट’ शहर में हर चीज स्मार्ट बनाने की कोशिशों में विभिन्न डेवलपमेंट एजेंसियों को जुटा हुआ देखा जा सकता है. लेकिन एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा कुछ जगहों पर जरा अपनी सोच और काम की रफ्तार पर भी विचार करने की जरूरत महसूस की जा रही है. मामला शहर में बनाए जा रहे 200 लड़कियों के होस्टल से जुड़ा है. जिसे बन तो 15 महीने में जाना था लेकिन 30 महीनों के बाद भी इसके काम में तेजी नजर नहीं आ रही है. अबतक यह निर्माण अधूरा पड़ा है.
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स्वर्गीय वसंतराव नाईक जन्म शताब्दि योजना के तहत शहर में 200 लड़कियों के लिए नए होस्टल का निर्माण शुरू किया गया था. पुराने मॉरिस कॉलेज परिसर में बनाए जा रहे इस होस्टल की बिल्डिंग की लागत करीबन 5 करोड़ 28 लाख 56 हजार 702 रुपए है. उम्मीद की जा रही थी कि इस होस्टल बिल्डिंग का निर्माणकार्य 5 दिसंबर 2015 तक पूरा कर लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि इस निर्माणकार्य की जिम्मेदारी संभाल रही कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से भी यह दावा किया जाता रहा है कि वह इस निर्माण को तय समय सीमा में पूरा कर देगी. हालांकि दोगुना समय बीत जाने के बाद भी बिल्डिंग का निर्माण पूरा नहीं हो सका है.
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15 महीनों में होना था निर्माण
‘मेट्रो एक्सप्रेस’ ने लड़कियों के लिए बनाए जा रहे इस होस्टल की बिल्डिंग के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि यहां 200 लड़कियां एडमिशन लेंगी. 5 सितंबर 2014 को यह काम आरंभ किया गया था. नियम के अनुसार 15 महीनों में इसे पूरा किया जाना था. लोकनिर्माण विभाग की निगरानी में यह काम जारी है. असल में विभाग ने अपनी निविदा में ही साफतौर पर इस निर्माण को 15 महीनों में पूरा करने की शर्त रखी थी. लेकिन 15 महीनों में काम पूरा होने का नियम बनाए जाने के बावजूद यह काम अब भी अधूरा पड़ा है. उल्लेखनीय यह भी है कि विभाग ने काम पूरा होने के बाद इस निर्माणकार्य में यदि कोई खामियां रह गई हैं तो उसे दूर करने के लिए 24 महीनों का समय दिया था. लेकिन अभी निर्माण ही 30 महीनों के बाद तक जारी होने के चलते इसमें खामियां निकालने का समय और आगे बढ़ जाएगा.
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लेट होने से होगी परेशानी
धीमी रफ्तार से निर्माणकार्य जारी रखे जाने के चलते दोगुना समय बीत चुका है. इस लेटलतीफी के कारण कई और समस्याएं पैदा होने की आशंका है. अभी यहां सिर्फ बिल्डिंग का ही निर्माण जारी है. ड्रेनेज, कम्पाउंड वॉल और गेट आदि की भी व्यवस्था करने में और समय बीत जाता है तो होस्टल शुरू होने में भी देरी हो जाएगी.
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