युनिवर्सिटी खामोश पार्किंग वसूली चालू

युनिवर्सिटी खामोश पार्किंग वसूली चालू
- युनिवर्सिटी प्रशासन को कम्प्लेंट्स का इंतजार
- छात्र कहते हैं, जिम्मेदारी टालने की है कोशिश
फहीम खान, 8483879505
शहर के कॉलेज और एग्जाम सेंटर्स पर स्टुडेंट्स से जबरन पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन नागपुर युनिवर्सिटी प्रशासन और खुद कुलगुरू न सिर्फ खामोश हैं बल्कि कोई एक्शन न लेकर इसे अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देते दिख रहे हैं. ‘एमई’ ने कॉलेज के नाम और शिकायतों के साथ इस मामले को उठाया था.  जिसके बाद युनिवर्सिटी प्रशासन ने नए सिरे से जारी एग्जाम आईकार्ड पर पार्किंग शुल्क नहीं देने की सूचना लिख दी. लेकिन ऐसे कॉलेजों पर एक्शन लेने का प्रशासन का कोई मूड नहीं दिखता. पेश है रिपोर्ट.
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शहर के ज्यादातर कॉलेज में पिछले दो वर्षों से खुलेआम ‘पे एंड पार्क’ जारी है. विद्यार्थियों से जबरन पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है. इस मामले को ‘एमई’ ने न सिर्फ उठाया बल्कि इसका लगातार फॉलोअप भी जारी रखा. इसी बीच युनिवर्सिटी प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर कॉलेजों को पार्किंग शुल्क नहीं लेने की सूचना जारी की थी. पर इसके बाद भी ये जबरन वसूली जारी रही. हाल में एमई ने इसी सर्कुलर को कैसे धता बताया जा रहा है, इसका खुलासा किया था. दो कॉलेजों में हो रही जबरन वसूली की जानकारी भी पब्लिश की गई. इसके बाद युनिवर्सिटी प्रशासन ने आनन -फानन में नए आईकार्ड जारी किए, जिनपर लिखा गया कि कोई भी छात्र पार्किंग शुल्क ना दे. लेकिन विद्यार्थियों का कहना है कि ये आईकार्ड दिखाने के बाद भी पार्किंग ठेकेदार मान नहीं रहे और पार्किंग फीस वसूल रहे हैं.
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वर्जन...
...तो कड़े एक्शन लेंगे
युनिवर्सिटी प्रशासन ने खबरों के बाद पार्किंग शुल्क नहीं वसूलने की सूचना सर्कुलर निकालकर कॉलेजों को दे दी थी. नए आईकार्ड भी जारी कर दिए हैं. लेकिन यदि विद्यार्थियों से जबरन वसूली हो रही है तो हमसे इसकी शिकायतें की जानी चाहिए. अबतक हमें ऐसी शिकायतें नहीं मिली है. यदि शिकायतें मिलती है तो जरूर कड़े एक्शन लिए जाएंगे.
- सिद्धार्थविनायक काणे, वाइस चांसलर, नागपुर युनिवर्सिटी
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वर्जन...
कार्रवाई तो करनी पड़ेगी
कॉलेज और एग्जाम सेंटर्स पर पार्किंग शुल्क वसूले जाने से विद्यार्थी अपनी गाड़ियां रोड पर रख देते हैं. इससे ट्रैफिक में समस्या होने लगी है. इस पार्किंग शुल्क की वसूली का कारण ही समझ से परे है. युनिवर्सिटी प्रशासन को भी इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई करनी होगी. वरना इसका असर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर हो सकता है.
- संजय खांडेकर, एसीपी (ट्रैफिक)
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