फ्लाईओवर पर भी दुकानदारी

फ्लाईओवर पर भी दुकानदारी
- बाजार लगने से वाहनों की आवाजाही में दिक्कत
- मामला दही बाजार परिसर का
फहीम खान, 8483879505
शहर में विकास को लेकर विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. सीमेंट रोड समेत शहर के सौंदर्यीकरण पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं. लेकिन बढ़ते शहर और रिहायशी इलाकों की मांग के अनुसार मार्केट का निर्माण करने में लोकल बॉडी फिसड्डी ही साबित हो रही है. महानगर क्षेत्र के भीतर दर्जनों की संख्या में साप्ताहिक और डेली मार्केट लगने लगे हैं. लेकिन प्रशासन इसके लिए किसी स्थायी जगह का प्रबंध नहीं करा पा रहा है. इसी के चलते ज्यादातर बाजार सड़कों पर आने लगे हैं. जिसका सीधा असर यातायात पर होने लगा है. पेश है ‘मेट्रो एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट.
शहर में तेजी से नए -नए रिहायशी इलाके बढ़ते जा रहे हैं. मेट्रो रीजन बन जाने के बाद से नई-नई कॉलोनियों का भी विस्तार हुआ है. जिसके चलते इन परिसरों में ही बाजार की जरूरत बढ़ने लगी. लेकिन इन जरूरतों को देखते हुए महानगर पालिका प्रशासन मार्केट बनाने में नाकाम साबित हुआ. यही कारण है कि शहर में धीरे-धीरे करते हुए दर्जनों की संख्या में अवैध मार्केट बढ़ रहे हैं. अब तो यह हाल है कि हर इलाके में साप्ताहिक और डेली मार्केट तेजी से बढ़ते हुए सार्वजनिक स्थानों तक अपने पांव पसारने लगा है.
फ्लाईओवर पर कब्जा
अबतक शहर में महानगर पालिका की अनदेखी के चलते रोड पर ही मार्केट लगाए जाते रहे हैं. लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते विक्रेताओं का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि अब तो फ्लाईओवर पर भी मार्केट लगाया जाने लगा है. इतवारी के दही बाजार फ्लाईओवर पर रोज शाम को मार्केट लगने लगा है. फ्लाईओवर के फुटपाथ पर सब्जी विक्रेता बैठे नजर आते हैं. सिर्फ सब्जीवालों ही नहीं, अन्य विक्रेताओं ने भी फुटपाथ पर कब्जा जमा लिया है.
क्यों नहीं होती कार्रवाई?
महानगर पालिका प्रशासन में कार्यरत आला अधिकारी और महापौर खुद कई बार कह चुके हैं कि शहर में अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके लिए मनपा ने पृथक रूप से कार्य करने वाला अतिक्रमण विरोधी दस्ता भी गठित कर रखा है. जिस पर नियमित रूप से अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी डाली गई है. लेकिन यह दस्ता किसी काम का साबित नहीं हो रहा है. जब तक कोई शिकायत नहीं मिलती है दस्ता कार्रवाई नहीं करता है. जबकि दस्ते के कर्मचारियों को शहर में घूम कर अतिक्रमण की जांच करनी चाहिए. साथ ही ऐसे अतिक्रमणों पर कार्रवाई भी करनी चाहिए. लेकिन जब अतिक्रमण विरोधी दस्ता और उसके कर्मचारी ही ऐसे कब्जों को बढ़ावा देते हों तो मनपा की ओर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती?

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