किसकी सिक्योरिटी के लिए ले रहे डिपॉजिट?

किसकी सिक्योरिटी के लिए ले रहे डिपॉजिट?
- स्कूल प्रबंधनों ने बनाया लूट का नया हेड
फहीम खान, 8483879505
बिजली का मीटर लगाने से लेकर किसी कंपनी के उत्पाद की एजेंसी लगाने तक आपसे संबंधितों के द्वारा सिक्योरिटी डिपॉजिट मांगा जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में यह कंसेप्ट अब तक लाइब्रेरी की किताबों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. कुछ स्कूलों में खेल सामग्री के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट भी मांगा जाने लगा था. लेकिन अब शहर के कुछ नामी स्कूलों द्वारा बच्चे को एडमिशन देते समय अभिभावकों से सिक्योरिटी डिपॉजिट मांगा जाने लगा है. यह डिपॉजिट आखिर किस आधार पर लिया जा रहा है, इसका जवाब खुद शिक्षा विभाग के पास भी नहीं है. पेश है मेट्रो एक्सप्रेस की रिपोर्ट.
----
हर साल ही शहर में कुछ नए स्कूल खुल जाते हैं. निजी स्कूलों की फीस पहले ही बहुत ज्यादा है. ऐसे में इस वर्ष से शहर के कुछ स्कूलों ने सिक्योरिटी डिपॉजिट भी मांगना शुरू कर दिया है. नया एडमिशन लेने वाले बच्चों के अभिभावकों को यह डिपॉजिट भरना पड़ रहा है. दलील दी जा रही है कि यह राशि एडमिशन की सिक्योरिटी के तौर पर ली जा रही है. अगर एडमिशन कैंसल होगा तब यह पैसा अभिभावकों को लौटा दिया जाएगा. इस सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि 5 से 8 हजार रुपए तक है, जिसका भुगतान एक बार में ही करने की शर्त रखी गई है.
----
रिफंड का लालच
इस वर्ष से एडमिशन के समय सिक्योरिटी डिपॉजिट मांग रहे निजी स्कूलों का का कहना है कि जब स्टूडेंट स्कूल छोड़कर जाएगा तब उसे सिक्योरिटी डिपॉजिट लौटा दिया जाएगा. रिफंड पॉलिसी का चारा डालकर अभिभावकों को एडमिशन के समय इस राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जा रहा है.
----
कुछ दे रहे इंटरेस्ट
उल्लेखनीय है कि कुछ स्कूल सिर्फ सिक्योरिटी डिपॉजिट ही नहीं मांग रहे बल्कि अपनी इस नई पॉलिसी में उन्होंने अभिभावकों के लिए इंटरेस्ट स्कीम भी लांच की है. कुछ स्कूलों ने सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर ऐसे भी नियम बनाए हैं कि यदि स्टूडेंट 8-10 साल के बाद स्कूल छोड़कर जाता है तो उसे हर साल एक तय रेट से इंटरेस्ट के साथ यह राशि लौटा दी जाएगी.
-----
इन हेड में ले रहे फीस
- सिक्योरिटी डिपॉजिट (वन टाइम)
- एडमिशन फीस (वन टाइम)
- एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेस (एन्युअली)
- स्पोर्ट्स फीस (एन्युअली)
- मेंटेनेंस फीस (एन्युअली)
- सेशन फीस (एन्युअली)
- टयूशन फीस (क्वार्टरली)
- एक्टिविटी फीस (एन्युअली)
- लैब फीस (साइंस स्टूडेंट्स के लिए)
---
वर्जन...
शिकायत पर होगी कार्रवाई
स्कूलों में सिक्योरिटी डिपॉजिट जैसा कोई कंसेप्ट लागू नहीं किया जा सकता. यदि शहर में किसी भी स्कूल ने ऐसा किया है तो अभिभावक हमें शिकायत करें. जरूरी जांच के बाद स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- दीपेंद्र लोखंडे, एजुकेशन आॅफिसर.
-------
 स्कूल बसों की फीस बढ़ी
एमई टीम ने जब अभिभावकों से आ रही शिकायतों के बाद पड़ताल आरंभ की तो पता चला कि इस वर्ष फिर से स्कूल बसों की फीस में बढ़ोत्तरी की गई है. जानकारी मिली है कि ज्यादातर स्कूलों ने पिछले वर्ष की तुलना में 10-12 फीसदी रेट बढ़ा दिए है. इस संबंध में अभिभावकों को मैसेज भेजकर बताया जा रहा है. उधर जिन स्कूलों में निजी ट्रांसपोर्टरों की मदद से स्कूल बस चलाई जा रही हैं, वहां ट्रांसपोर्टर्स खुद अभिभावकों को बसों का भाड़ा बढ़ने के बारे में फोन कर जानकारी दे रहे है. उनका कहना है कि महंगाई के चलते भाड़ा बढ़ाया जा रहा है.
---

Comments

Popular posts from this blog

कौन रोकेगा, ये दक्षिण गढ़चिरोली का "लाल सलाम" ?

नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के काम आया ‘जनजागरण’ का हथियार

कैसे कहूं मैं... नेता तुम्हीं हो कल के