अंतत: चुनवा दी गई दीवार

अंतत: चुनवा दी गई दीवार
- खंडहर बंगला बन गया था अपराधियों का अड्डा
- मामला सिविल लाइन्स के बंगला नंबर 43 ए का
फहीम खान, 8483879505
सिविल लाइन्स जैसे इलाके में खंडहर बन चुके सीपीडब्ल्यूडी के बंगलों का अपराधियों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने और अय्याशी के अड्डों के रूप में इस्तेमाल होने लगा था. इसकी पड़ताल करने के बाद ‘मेट्रो एक्सप्रेस’ ने इन खंडहर बंगलों की खबर प्रकाशित की थी. इन्हीं में शामिल बंगला नंबर 43ए में अपराधी मेन गेट से एंट्री करते थे. एमई में छपी खबरों के बाद सीपीडब्ल्यूडी ने आखिरकार इस गेट को ही दीवार में चुनवा दिया है.
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सीपीडब्ल्यूडी द्वारा लापरवाही बरती जाने के चलते सिविल लाइन्स इलाके में कई बंगले अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. ये खंडहर सुरक्षा के अभाव में अपराधियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनते जा रहे हैं. इस ओर संबंधित विभाग का ध्यान ही नहीं है. इन्हीं में शामिल था बंगला नंबर 43 ए. इस बंगले के रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दिए जाने के ही चलते ये खंडहर में तब्दील हो चुका है. बात सिर्फ इसके खंडहर बन जाने की नहीं है बल्कि इस ओर विभाग का ध्यान नहीं होने के ही कारण ये असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया था. दोपहर में प्रेमी युगल और रात के अंधेरे में अपराधी तत्व यहां मौजूद रहते थे.
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चलती थीं पार्टियां
उल्लेखनीय है कि जब ‘एमई’ टीम ने इस बंगले के परिसर में एंट्री की थी तो यहां हर कमरे में स्नैक्स के पैकेट्स नजर आए. पानी की खाली बोतल, शराब की बोतल के अलावा यहां बड़ी मात्रा में गुटखे, तंबाकू के खाली पैकेट्स भी बिखरे हुए मिले. उल्लेखनीय है कि इतने बड़े परिसर और इमारत की रखवाली के लिए यहां पर किसी को नियुक्त तक नहीं किया गया है. एमई की पड़ताल में यह बात साफ हो गई थी कि यहां अक्सर शराब की पार्टियां चलती हैं. सुनसान इलाका और खंडहर बंगला होने के चलते यहां कभी कोई और आता नहीं, इसी का फायदा अपराधी लोग उठा रहे थे.
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गिराई गई थी दीवार
उल्लेखनीय है कि जब एमई टीम ने पड़ताल के लिए इस परिसर का मुआयना किया था, तभी वहां पर मेन गेट से प्रवेश रोकने के मकसद से बनाई गई दीवार दिखाई दी थी. लेकिन भीतर प्रवेश करने के लिए अपराधी तत्वों द्वारा इस दीवार को एक साइड से गिरा दिया गया था. यहीं से आसानी से भीतर प्रवेश किया जाने लगा था. टू व्हीलर्स से आने वाले लोगों के लिए भी यह रास्ता काफी सेफ बन गया था. क्योंकि एक बार भीतर प्रवेश करते ही टू व्हीलर दीवार की आड़ में छिप जाती थी. रोड से जाने वाले को ये नजर नहीं आती थी.
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मिलेगा प्रेमी युगलों से छुटकारा
ऐसा नहीं है कि रात के समय केवल आपराधिक तत्व ही इस खंडहरनुमा बंगले का इस्तेमाल कर रहे थे. दोपहर के दौरान सिविल लाइन्स के इस मार्ग पर अक्सर प्रेमी युगलों को देखा जाने लगा था. इनमें से ज्यादातर जोड़ों ने लोगों की नजर से बचने के लिए इस खंडहर बन चुके बंगले का सहारा लेना शुरू कर दिया था. दोपहर के समय कई बार प्रेमी युगलों को बंगले में जाते देखा गया था. बेहद खतरनाक जगह होने के बावजूद युगल यह रिस्क उठाते नजर आ रहे थे. अब सीपीडब्ल्यूडी ने इस क्षतिग्रस्त दीवार को दुबारा बना देने के चलते ऐसे जोड़ों से भी छुटकारा मिल जाएगा.
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सिर्फ दीवार से नहीं चलेगा
एमई टीम को यहां ऐसे कई स्पॉट्स नजर आए थे, जहां से अपराधी तत्व आसानी से भीतर प्रवेश कर सकते हैं. सिर्फ मेन गेट में दीवार को बना दिए जाने से ही इस समस्या से पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल सकता है. विभाग को इस परिसर में अपने गार्ड्स से भी निगरानी करानी होगी. साथ ही विभाग के अधिकारियों को ऐसे सुनसान बंगलों की देखभाल की ओर भी ध्यान देना चाहिए. तभी अपराधियों के ऐसे अड्डों पर लगाम लगाई जा सकेगी.
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